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Sunday, September 8, 2024
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चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना: जांच रिपोर्ट से खुला राज, ट्रैक को बताया जिम्मेदार!

छह सदस्यीय समिति के पांच अधिकारियों ने ट्रैक की स्थिति को हादसे का जिम्मेदार माना तो एक अधिकारी ने रफ्तार तेज होने और अचानक ब्रेक लगाए जाने के कारण को प्रमुखता दी है।

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चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना की जांच के लिए रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। सीआरएस और संयुक्त जांच टीमों को रेलवे ट्रैक अपनी वर्तमान स्थिति से करीब चार फीट खिसका मिला। वही, दूसरी ओर ट्रैक के पास पानी भरा था, जिसके कारण ट्रैक कमजोर था। फॉरेंसिक टीम ने उक्त स्थान से पटरी का लोहा और मिट्टी का सैंपल भी लिया।

बता दें कि छह सदस्यीय समिति के पांच अधिकारियों ने ट्रैक की स्थिति को हादसे का जिम्मेदार माना तो एक अधिकारी ने रफ्तार तेज होने और अचानक ब्रेक लगाए जाने के कारण को प्रमुखता दी है। रेलवे बोर्ड को संयुक्त जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट भेज दी गई है। गत दिनों हुए हुए ट्रेन हादसे में चार यात्रियों की मौत हो गई थी। 33 यात्री घायल हुए थे। इस घटना के बाद रेलवे की टीम की प्राथमिक जांच के साथ ही साथ सीआरएस की जांच शुरू हुई।

रेलवे की ओर से छह सदस्यीय संयुक्त टीम ने जांच में पाया कि ट्रैक की फास्टिंग (लाइन में लगे उपकरण) दुरुस्त नहीं थी और आईएमआर डिटेक्ट होने के बाद गाड़ी के कॉशन ऑर्डर मिलने के पूर्व तक साइड का प्रोटेक्शन नहीं किया गया। जिस कारण से ट्रेन पटरी से उतर गई। एक जांच रिपोर्ट के अनुसार मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच डाउन ट्रैक संख्या-638 पर कर्मचारियों ने नियमित निगरानी व देखभाल नहीं की। इस पर कई जगह खामियां मिली हैं। ट्रैक और स्लीपर के बीच लगने वाला यंत्र ठीक से कसा नहीं था।

गौरतलब है कि ट्रेन के ड्राइवर त्रिभुवन नारायण ने रेलवे की जांच टीम को बताया कि मोतीगंज स्टेशन का होम सिग्नल पीला होने कारण ट्रेन 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, लेकिन ट्रेन जब मोतीगंज स्टेशन पहुंच रही थी और स्टार्टर लाइट ऑफ होने के कारण ट्रेन रन थ्रू 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकाली। वही, दूसरी ओर ट्रैक संख्या-638 किलोमीटर पर बड़ा झटका लगा और खड़खड़ाहट की आवाज आने लगी। इसी बीच इंजन में लगे यंत्र के संकेत मिलने पर इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन को रोक दिया। इसके बाद दुर्घटना की जानकारी हुई।

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