अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत नए मील के पत्थर पार कर रहा है। चंद्र मिशन की सफलता के बाद, भारत ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक सौर मिशन शुरू किया है। भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सुबह 11.50 बजे सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान भेजा है। इस बीच चंद्रयान-3 से एक बड़ी जानकारी मिली है| प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर 100 मीटर की दूरी पूरी कर ली है| प्रज्ञान रोवर वर्तमान में चंद्रमा पर लैंडिंग स्थल शिव शक्ति पॉइंट से 100 मीटर की दूरी पर अनुसंधान कर रहा है।
इसरो ने चंद्रयान-3 की नई फोटो शेयर की है| इसमें प्रज्ञान का मूनवॉक दिखाया गया है। अब चंद्रमा अंधकारमय हो रहा है| चंद्रमा पर पूरी तरह अंधेरा होने पर प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर काम करना बंद कर देंगे। क्योंकि लैंडर और रोवर पर सोलर पैनल लगे हुए हैं| अतः उपरोक्त उपकरण केवल सूर्य के प्रकाश में ही कार्य कर सकते हैं। साथ ही चंद्रमा पर सूर्यास्त के बाद वहां का तापमान माइनस 203 डिग्री सेल्सियस होगा। चंद्रमा पर 14 दिन की रात और 14 दिन की रोशनी होती है।
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने शनिवार को कहा, चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर अच्छा काम कर रहे हैं। चाँद पर रात होने वाली है| इसलिए इस पर मौजूद उपकरण अब निष्क्रिय हो जाएंगे। फिलहाल वहां रोवर का काम चल रहा है| रोवर से हमें काफी जानकारी मिली| हम अगले एक या दो दिन में अपने अंतरिक्ष यान के उपकरणों को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि कुछ दिनों में यह पूरी तरह से अंधेरा हो जाएगा।
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