प्रदेश में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी। सोमवार तक 13 दिनों में 605183 यात्री चारधाम यात्रा में दर्शन के लिए पहुंचे। पिछले वर्ष शुरुआती 13 दिनों में 885733 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आए थे। यानी अभी तक यात्रियों की संख्या में 32 प्रतिशत की गिरावट है। हालांकि मई महीने में ही यात्रा के चरम पर पहुंचने की सबसे ज्यादा संभावना मानी जा रही है। पिछले वर्ष भी इसी महीने सबसे ज्यादा यात्री पहुंचे थे।
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है। स्थानीय व्यापारी भी इस बार यात्रा को लेकर खासे उत्साहित हैं। लेकिन एक के बाद एक बाद चुनौती खड़ी होने से यात्रा प्रभावित होती चली गई। सात मई को पहलगाम में हुई पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद बनी परिस्थितियों में यात्रियों के आगे के पड़ाव पर विराम लगा हुआ है।
केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर संक्रमण के कारण करीब 13 घोड़े और खच्चरों की मौत होने से तीन दिन इनके संचालन पर रोक लगानी पड़ी। चारों धामों में खराब मौसम भी यात्रा के प्रभावित होने की एक प्रमुख वजह माना गया। हालांकि इसका बहुत अधिक प्रभाव नहीं दिखा।
पिछले साल की तुलना में चारधाम यात्रियों की संख्या 32 फीसद की गिरावट है। निसंदेह परिस्थितियां प्रतिकूल होने से यात्रा पर असर पड़ा है। 2024 में 17 से 23 मई के बीच सबसे अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। देखना दिलचस्प होगा कि मौजूदा हालात में यात्रा उस चरम को पार कर पाएगी या नहीं। यदि ऐसा नहीं होता है तो सरकार को सभी हितधारकों से बात करनी होगी।
छोटे होटलों को इस बार एडवांस बुकिंग न के बराबर मिली। जो हुई भी ताजा बनी परिस्थितियों में रद हो गईं। सामान्य हो रही स्थितियों में हमें यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
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