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छत्तीसगढ़: बीजापुर में 5 माओवादियों ने किया सरेंडर, खोखली माओवादी विचारधारा से निराश है नक्सली!

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार (6 दिसंबर) को 5 नक्सलियों ने सरेंडर किया। पुलिस के अनुसार इनमें से 3 नक्सलियों पर कुल 11 लाख रुपये का इनाम है। बीजापुर के एसपी जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि नक्सलियों ने पुलिस और CRPF के सीनियर अफसरों के सामने सरेंडर किया। सरेंडर करने वाले नक्सली आदिवासियों पर माओवादियों द्वारा किए जा रहे अत्याचार और ‘खोखली’ माओवादी विचारधारा से निराश हैं।

पुलिस ने बताया कि नक्सली राज्य सरकार की ‘नियद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से काफी प्रभावित हैं। बता दें कि इस योजना का उद्देश्य दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को सुगम बनाना है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से एक संतु कोड़मे माओवादियों की PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर 2 का सक्रिय सदस्य है, जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम है। कोड़मे 2013 से प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा था और 2017 में सुकमा के मिनपा सहित सुरक्षाबलों पर कई हमलों में कथित रूप से शामिल था। मिनपा में हुए नक्सली हमले में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।

रिपोर्ट्स के अनुसार कोड़मे 2020 के नड़पल्ली गांव में हुए माओवादी हमले में भी शामिल था। इस हमले में 3 जवान शहीद हुए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2 अन्य कैडर गंगालूर एरिया कमेटी के सदस्य पायकू पुनेम और नक्सलियों के पदेड़ा ‘जनता सरकार’ दस्ते के प्रमुख गुड्डू हपका पर क्रमशः 2 लाख रुपये और एक लाख रुपये का इनाम है। उन्होंने बताया कि पुनेम कथित रूप से 3 नक्सली घटनाओं में शामिल था, जिसमें 2020 में बीजापुर के पीडिया गांव 4 ग्रामीणों की हत्या की घटना भी शामिल है। सरेंडर करने वाले 2 अन्य नक्सली सोमारू माड़वी और भीमा कश्यप है। सोमारू माड़वी 2023 और भीमा कश्यप 2021 में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हुए थे।

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बता दें की सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के मुताबिक उनका पुनर्वास किया जाएगा। इस सरेंडर के साथ ही इस साल अब तक जिले में 189 नक्सली हिंसा छोड़ चुके हैं और इसी अवधि के दौरान जिले में 473 माओवादियों को अरेस्ट भी किया गया है।

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