चीन ने पहली बार 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के मुनाफे के साथ व्यापार में रचा इतिहास

अमेरिका से निर्यात में गिरावट जारी रहने के बावजूद चीन का बेहतर प्रदर्शन

चीन ने पहली बार 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के मुनाफे के साथ व्यापार में  रचा इतिहास

china-1-trillion-trade-surplus-record

चीन ने नवंबर के अंत तक ऐतिहासिक आर्थिक उपलब्धि दर्ज करते हुए देश का वार्षिक ट्रेड सरप्लस पहली बार एक ट्रिलियन डॉलर के पार पहुँचया है। चीन का यह रिकॉर्ड भी ऐसे समय में हासिल हुआ जब अमेरिका को होने वाली निर्यात लगातार गिरावट में थी, लेकिन एशिया, यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे अन्य बाज़ारों से माँग में तेजी से बढ़ोतरी ने कुल निर्यात को संभाल लिया और चीन को नया रिकॉर्ड स्थापित करने में मदद मिली।

रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग के अनुमान को पछाड़ते हुए चीन के कुल निर्यात नवंबर में 5.9% की वृद्धि के साथ उभरे। यह अक्टूबर की मामूली गिरावट के विपरीत था। हालांकि, अमेरिका जाने वाले निर्यात में 28.6% की तेज़ गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ट्रंप प्रशासन के टैरिफ और मौजूदा राजनीतिक तनावों ने अमेरिका–चीन व्यापार को अब भी प्रभावित किया है। कैपिटल इकोनॉमिक्स के ज़िचुन हुआंग के अनुसार, “अमेरिका में निर्यात की कमजोरी को अन्य बाज़ारों की मांग ने पूरी तरह संतुलित कर दिया है, और चीन की डिफ्लेशन के चलते उसकी व्यापारिक प्रतिस्पर्धा और बढ़ रही है।”

नवंबर के आँकड़े शामिल करने के बाद चीन का ट्रेड सरप्लस जनवरी–नवंबर अवधि में $1.08 ट्रिलियन पर पहुँच गया, जो 2023 के पूरे वार्षिक सरप्लस को पार कर चुका है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह अंतर अगले वर्ष और बढ़ सकता है, विशेषकर तब जब कई देशों की घरेलू अर्थव्यवस्था सुस्त है और चीन का एक्सपोर्ट–ड्रिवन मॉडल उसे बढ़त दे रहा है।

लेकिन बढ़ते सरप्लस ने यूरोप में चिंता पैदा कर दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी कि यदि चीन व्यापार संतुलन को सही दिशा में नहीं लाता, तो यूरोपीय संघ “कड़े कदम” उठा सकता है, जिनमें टैरिफ का विकल्प भी शामिल हो सकता है।

विदेशी मांग बढ़ने के बावजूद घरेलू मोर्चे पर चीन की अर्थव्यवस्था कमजोर दिखाई दी। नवंबर में आयात केवल 1.9% बढ़ा, जो अपेक्षित तीन प्रतिशत से काफी कम था। यह बताता है कि चीन में उपभोक्ता भावना, विशेषकर प्रॉपर्टी सेक्टर की लगातार गिरावट के कारण, अभी भी सुस्त है। पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के झीवेई झांग ने कहा कि निर्यात में मजबूती ने घरेलू मांग की कमजोरी के प्रभाव को कुछ हद तक कम किया है।

चीन की नेतृत्व परिषद इस सप्ताह आर्थिक रणनीति पर उच्चस्तरीय बैठक करने वाली है, जिसका लक्ष्य 2024 के लिए पाँच प्रतिशत आर्थिक वृद्धि को कायम रखना है। वहीं, अमेरिकी बाज़ार में लगातार आठवें महीने गिरावट के बावजूद चीन का वैश्विक निर्यात प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है।

यह भी पढ़ें:

‘वंदे मातरम्’ संसदीय चर्चा: पं. नेहरू ने नेताजी को पत्र में लिखा; यह गीत मुस्लिम समुदाय को उकसा सकता है

अरुण गोविल ने बताया, क्यों जरूरी है मदरसों और मस्जिदों में सीसीटीवी कैमरे लगाना?

जिन्ना से लेकर इंदिरा गांधी तक पीएम मोदी ने याद दिलवाया ‘वंदे मातरम्’ इतिहास; तिलमिलाई कांग्रेस

Exit mobile version