चीन में कोरोना संक्रमण की दर लगातार बढ़ती ही जा रही है। अस्पताल संक्रमित मरीजों से भरे हुए हैं, हर दिन नए मामले बढ़ते जा रहे हैं। चीन के बीजिंग, गुआंगझोऊ, शेनझेंग और शंघाई जैसे शहरों में हालात काफी खराब हैं। आकड़ों के मुताबिक इस समय चीन में 54 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जब से चीन ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी को वापस लिया है, तब से अस्पताल में भर्ती नए मरीजों का कोई रिकार्ड नहीं भेजा गया है। वहीं चीन के इस कदम ने एक बार फिर से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।
दरअसल डब्ल्यूएचओ की साप्ताहिक रिपोर्ट में सात दिसंबर तक चीन में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को दिखाया गया है। चार दिसंबर तक ये मामले 28,859 थे। हालांकि, चीन ने सात दिसंबर को जीरो कोविड पॉलिसी से कदम पीछे खींच लिए थे। इसके बाद से चीन की ओर से डब्ल्यूएचओ को कोई डेटा नहीं भेजा गया है। बता दें कि चीन हमेशा से ही कोरोना संक्रमण के कम आकड़ों को दिखाता रहा है मौतों की पहचान मामले को लेकर भी ऐसा ही है।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक चीन में बढ़ता महामारी यह यह मौसमी फ्लू जैसा है और नया ओमिक्रॉन स्वरूप बहुत खतरनाक नहीं है। महामारी वैज्ञानिक झोंग नानशान ने कहा कि ओमिक्रॉन वायरस साधारण सर्दी-जुकाम से ज्यादा कुछ भी नहीं है इसलिए घबराएं नहीं। वहीं शंघाई के डेजी अस्पताल ने बुधवार को अपने आधिकारिक वीचैट अकाउंट में बताया कि शहर में इस समय 54 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं, महीने के अंत तक यह संख्या बढ़कर 1.25 करोड़ तक जा सकती है। बता दें कि इस वक्त चीन में कोरोना के ओमिक्रॉन बीएफ 7 वैरिएंट का प्रकोप चरम हैं। इस देश ने बीते दिनों लोगों के विरोध के चलते कोविड की रोकथाम के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को हटाया था। यहां के स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि वैरिएंट बीए.5.2 और बीएफ.7 की वजह से यहां कोरोना केसों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
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