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Tuesday, May 20, 2025
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‘केजीएच हिल्स’: कोबरा कमांडर ने उड़ाया नक्सली अड्डा, जांबाज ने गंवाया पैर!

कोबरा 204 बटालियन के जांबाज ग्राउंड कमांडर (सहायक कमांडेंट) सागर बोराडे, आईईडी विस्फोट में घायल एक जवान को बाहर निकाल रहे थे, तभी वहां एक दूसरा आईईडी ब्लास्ट हो गया। उसमें जांबाज ग्राउंड कमांडर, सागर बोराडे बुरी तरह जख्मी हो गए।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि 31 मार्च 2026 तक देश के सभी हिस्सों से माओवाद को जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा। नतीजा, इस अभियान में सीआरपीएफ व इसकी विशेष विंग, ‘कोबरा’, जिसे जंगल वॉरफेयर में खासी महारत हासिल है, सहित कई दूसरे केंद्रीय एवं राज्यों के सुरक्षा बल लगे हुए हैं।

पिछले कई दिनों से सीआरपीएफ कोबरा के जवान, टॉप नक्सली ‘हिडमा’ के ठिकाने ‘केजीएच हिल्स’ को ध्वस्त करने में लगे हैं। नक्सलियों ने ‘केजीएच हिल्स’ के चप्पे-चप्पे पर ‘आईईडी’ दबा रखी हैं।

रविवार को कोबरा 204 बटालियन के जांबाज ग्राउंड कमांडर (सहायक कमांडेंट) सागर बोराडे, आईईडी विस्फोट में घायल एक जवान को बाहर निकाल रहे थे, तभी वहां एक दूसरा आईईडी ब्लास्ट हो गया। उसमें जांबाज ग्राउंड कमांडर, सागर बोराडे बुरी तरह जख्मी हो गए। उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है। उनका एक पैर शरीर से अलग हो चुका है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।

बता दें कि सहायक कमांडेंट सागर बोराडे ने इस अभियान में बेमिसाल साहस का प्रमाण दिया है। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर केजीएच हिल्स में चल रहा नक्सल विरोधी अभियान, अभी तक का सबसे ज्यादा जोखिम वाला अभियान है।

इस क्षेत्र को इसलिए भी अति संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि यहां पर टॉप नक्सली छिपते रहे हैं। सीआरपीएफ के नेतृत्व में दूसरे बलों ने अब छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में नक्सलियों की कमर पूरी तरह से तोड़ दी है।

नक्सलियों की नई भर्ती, तकरीबन बंद हो चुकी है। भारी संख्या में नक्सली, सरेंडर कर रहे हैं। ऐसे में नक्सली, अब सुरक्षा बलों के साथ सीधी मुठभेड़ से बचने लगे हैं। वे अपने बचाव और सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का इस्तेमाल कर रहे हैं। बल के एक अधिकारी के अनुसार, जंगल में तकरीबन सभी जगहों पर आईईडी दबाई गई हैं।

केजीएच हिल्स को ध्वस्त करने के बाद कोबरा दस्ता, सर्च ऑपरेशन कर रहा था। इस दस्ते को सहायक कमांडेंट बोराडे लीड कर रहे थे। वहां पर बल का एक जवान आईईडी की चपेट में आ गया था। अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना घायल जवान को निकालने के लिए वे आगे आए।

वह क्षेत्र, मोस्ट वांटेड नक्सलियों के छिपने का ठिकाना रहा था, ऐसे में उसके चारों तरफ आईईडी दबाई गई थी। घने जंगल से घायल जवान को निकालना किसी चुनौती से कम नहीं था।

अपनी टीम की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए और असाधारण बहादुरी दिखाते हुए, बोराडे ने खुद घायल जवान की निकासी का प्रयास किया। इसी दौरान सहायक कमांडेंट बोराडे का पैर एक आईईडी पर पड़ गया। वहां बड़ा विस्फोट हुआ और बोराडे बुरी तरह जख्मी हो गए।

उन्हें तुरंत रायपुर स्थित अस्पताल में ले जाया गया। बाद में उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है। ब्लास्ट में उनका बायां पैर शरीर से लगभग अलग हो चुका था। शरीर के दूसरे हिस्सों तक संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उनका बायां पैर चिकित्सकीय रूप से काटना पड़ा।

सीआरपीएफ अधिकारी का कहना है, फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। वे डॉक्टरों की निरंतर निगरानी में हैं। इस बीच, केजीएच हिल्स में सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान लगातार जारी है। नक्सलियों के ठिकानों को खत्म करने और क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए जवान हर स्तर पर अपनी जान की बाजी लगाकर जुटे हुए हैं।

नक्सलियों के खिलाफ शुरु हुए इस अभियान की गंभीरता इसी से लगाया जा सकता है कि सीआरपीएफ डीजी, खुद रायपुर पहुंचे थे। उन्होंने करीब से इस अभियान को मॉनीटर किया। इतना ही नहीं, पुलिस एवं आईबी के शीर्ष अफसर भी इस अभियान पर नजर रखे हुए थे।

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