ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, मंदिर है? सलमान खुर्शीद की पुस्तक में कई खुलासे 

ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, मंदिर है? सलमान खुर्शीद की पुस्तक में कई खुलासे 

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की जहां देशभर में चर्चा हो रही है, वहीं गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब में इसके बारे कई चौंकाने वाले तथ्य रखें है। उनकी पुस्तक में ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े कई ऐसे के बारे में कई खुलासे किए हैं।

सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या- नेशनवुड इन अवर टाइम‘ सलमान खुर्शीद की किताब ‘काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी’ का एक हिस्सा है जिसमें उन्होंने कुछ खुलासे किए हैं। जिसमें कहा गया है कि वाराणसी में गंगा नदी के तट पर भगवान शिव का मंदिर है जो  हिंदू धर्म के आस्था का केंद्र है। इस  मंदिर केवल बड़ा ज्योतिर्लिंग में ही नहीं है,बल्कि इसे हिंदुओं सबसे पवित्र स्थान मानते हैं। 1124 में मोहम्मद गोरी द्वारा मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। बाद में स्थानीय लोगों ने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। फिर 1194 में कुतुबुद्दीन एबक ने इस मंदिर को फिर से ध्वस्त कर दिया। 1351 में, दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक द्वारा भी मंदिर को नष्ट किया गया था। 1669 में, मुगल सम्राट औरंगजेब ने मंदिर को फिर से ध्वस्त किया और वहां ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण का आदेश दिया।

सलमान खुर्शीद ने यह भी लिखा है कि पुराणों में इस मंदिर का उल्लेख है। उन्होंने पुस्तक में लिखा है कि इस मंदिर का उल्लेख काशी कांडा में है जो स्कंद पुराण का एक हिस्सा है। उनका कहना है कि मंदिर की जगह पर 1669 में एक मस्जिद बनाई गई थी। पुस्तक में कहा गया है कि मंदिर के अवशेष मस्जिद में मिलेंगे।

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे में हिन्दू पक्ष ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण करते समय 12 फीट 8 इंच का एक शिवलिंग मिला था। याचिका के बाद कोर्ट ने आदेश दिया  है कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला उसे तत्काल सील कर किसी के भी आवागमन पर रोक लगाई जाए। वहीं, कोर्ट कमिश्नर ने कोर्ट से कहा कि आधा सर्वे बाकी है इसलिए दो दिन का और समय दिया जाये  ।

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