Mumbai में बागेश्वर बाबा के दरबार पर विवाद, Congress-BJP आमने-सामने

मीरा रोड में शुरू हो रहा है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दो दिवसीय प्रवचन, 7 एकड़ पर लगाया गया बागेश्वर धाम दरबार का पांडाल।

Mumbai में बागेश्वर बाबा के दरबार पर विवाद, Congress-BJP आमने-सामने

बागेश्वर धाम के विवादित कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का शनिवार को मीरा-रोड में आगमन हो रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय जनता पार्टी की ओर से किया गया है। हालांकि इस कार्यक्रम को लेकर शहर में भारी विरोध देखने मिल रहा है। वह मीरा रोड में 18 व 19 मार्च को अपना दरबार लगाने जा रहे हैं। मुंबई से सटे मीरा रोड भाईंदर में एसके स्टोन चौकी के करीब सेंट्रल पार्क मैदान में आयोजन की व्यवस्था की गई है। बागेश्वर धाम सरकार के दरबार में दर्शन की व्यवस्था शाम को 5 बजे से रात 9 बजे के बीच की गई है। अनुमान है कि यहां पर 50 हजार से 1 लाख के बीच बागेश्वर धाम के भक्त आ सकते हैं।

बागेश्वर बाबा को लेकर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने पुलिस से शिकायत की है, तो वहीं मनसे ने भी इस कार्यक्रम को रोकने की मांग की है। बता दें कि बीजेपी की विधायक गीता जैन, जिलाध्यक्ष रवि व्यास, कोषाध्यक्ष सुरेश खंडेलवाल की ओर से शनिवार और रविवार को प्रवचन कार्यक्रम आय़ोजित किया गया है। लगभग 7 एकड़ मैदान में इसकी तैयारी की गई है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है इस पत्र में कार्यक्रम को अनुमति नहीं देने की मांग की है।, तो वहीं मीरा-भाईंदर मनसे नेता संदीप राणे ने भी इस कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है।

हालांकि नाना पटोले पर पलटवार करते हुए विधायक गीता जैन ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री लोगों की आस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं। तो वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष रवि व्यास ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के बयान पर कहा कि कांग्रेस हमेशा से हिन्दू विरोधी रही है।

वहीं उद्धव गुट के नेता आनंद दुबे ने कहा कि अगर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार हो रहा है, तो हम खुशी जाहिर करते हैं। समय-समय पर हमारे महापुरुषों ने ज्ञान दिया है, उसी क्रम में कोई भी हमारे समाज को दिशा देने का काम करता है तो हम हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं। जबकि एनसीपी ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है और उनके कार्यक्रम का विरोध किया है।

वहीं इससे पहले जनवरी में नागपुर में ‘श्रीराम चरित्र-चर्चा’ का आयोजन हुआ था। इस दौरान  अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फ़ैलाने का आरोप लगाया था, इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री सुर्खियों में आ गए थे। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ बनाने की मांग की थी। इतना ही नहीं, उनका ‘कायदे में रहोगे, तो फायदे में रहोगे’ वाला बयान भी चर्चा में रहा था।

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