कोरोना को घर पर भी दे सकते हैं मात, मरीज की देखभाल करते समय रखें इन बातों का ख्याल

कोरोना को घर पर भी दे सकते हैं मात, मरीज की देखभाल करते समय रखें इन बातों का ख्याल

सतर्कता बरती जाए तो घर पर रहते हुए ही कोरोना संक्रमण को मात दे सकते हैं। सूखी खांसी, गले में खराश, बुखार व नाक बहना कोविड-19 के प्रारंभिक लक्षण हैं। कुछ मरीजों को स्वाद व गंध का अनुभव नहीं होता तथा सिर व बदन में दर्द रहता है। सांस लेने में परेशानी होती है और ऑक्सीजन सेचुरेशन में गिरावट आ जाती है। छाती में दर्द, भूख न लगना, दस्त, थकान व कमजोरी आदि भी इसके लक्षणों में शामिल हैं। कोरोना वायरस के फैलने के बाद पांच दिनों में न्यूमोनिया और 7-12 दिनों में सीवियर हाइपोक्सीमिया का खतरा पैदा हो जाता है। ऐसे में मरीज को आइसीयू में भर्ती करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि मरीज की सेहत पर पैनी नजर रखें।

खुद को तत्काल हवादार कमरे में आइसोलेट कर लें। अगर आप आइसोलेशन में देरी करेंगे तो दूसरों के संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाएगी। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो शरीर के तापमान और ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करते रहें। इसके बारे में जिला सर्विलांस अधिकारी को बताते रहें। अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप भी डाउनलोड कर लें। घरवालों से कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखें और ग्लास, थाली, तौलिया व मोबाइल फोन आदि साझा न करें।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लक्षणों के सामने आने के 10 दिनों बाद अगर कम से कम तीन दिनों से बुखार नहीं आ रहा हो। इसके बाद भी सात दिनों तक खुद को घर में आइसोलेशन में रखें और निगरानी करते रहें।

कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक होने के बाद श्वसन तंत्र को मजबूत करने व रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम करें। पोषण युक्त खानपान पर ध्यान दें। खांसी, सिर दर्द, डायरिया, भूख न लगना व सांस लेने में दिक्कत जैसे कोविड के दीर्घकालिक लक्षणों पर नजर रखें।

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