कोरोना मरीजों को अब एक नई बीमारी ने घेरा, जानिए म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण !

कोरोना मरीजों को अब एक नई बीमारी ने घेरा, जानिए म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण !
नई दिल्ली |अजीब विडंबना है, यह त्रासदी जीवन भर के लिए है। लोग एक बीमारी से उबार नहीं पा रहे हैं दूसरी बीमारी आकर घेर ले रही है। कोरोना का कहर जिस प्रकार लोगों पर टूट कर गिर रहा वह असमान्य है. कोरोना से जंग जीतने के बाद देखा जा रहा है की कई लोगों की आँखों की रोशनी चली गई है।आंखों की रोशनी कवक (फंगल) संक्रमण ‘म्यूकोरमाइकोसिस’ की वजह से चली जा रही है. ऐसे मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है। कवक संक्रमण (म्यूकोरमाइकोसिस) गंभीर है, लेकिन दुर्लभ है। इसका प्रकोप कई राज्यों में देखा जा रहा है. फ़िलहाल महाराष्ट्र और गुजरात में ऐसे मरीजों का इलाज चल रहा है।
गुजरात :  50 रोगियों का इलाज जारी
सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष माथुर सवानी ने बताया कि कोविड-19 से तीन हफ्ते पहले ठीक हुए मरीज में म्यूकोरमाइकोसिस का पता चला है। सवानी ने बताया कि फंगल इंफेक्शन के लिए 50 रोगियों का इलाज चल रहा है जबकि 60 और मरीज इसके इलाज का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक सात मरीज अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं।
रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर प्रभारी डॉ.केतन नाइक ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सूरत सिविल अस्पताल में उनका इलाज करने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। अहमदाबाद के आरवा सिविल अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि रोजाना कम से कम पांच म्योकोरमाइकोसिस मरीजों का ऑपरेशन हो रहा है। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में आंख-कान-नाक के डॉक्टर देवांग गुप्ता ने बताया कि यहां हमारे पास रोज पांच से 10 मरीज म्यूकोरमाइकोसिस के आ रहे हैं।
इसी तरह महाराष्ट्र में 200 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. महाराष्ट्र में म्यूकोरमाइकोसिस से कम से कम आठ लोग अपनी दृष्टि गंवा चुके हैं। राज्य में ऐसे लगभग 200 मरीजों का उपचार चल रहा है। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) के प्रमुख, डॉक्टर तात्याराव लहाने ने यह जानकारी दी। डॉ.लहाने ने पहले कहा था कि आठ कोविड-19 मरीजों की मौत हुई है लेकिन बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि अनजाने में उन्होंने ऐसा कहा। डॉक्टर लहाने ने कहा कि कवक संक्रमण की बीमारी के बारे में पहले से ही पता है, लेकिन इसके मामले कोविड-19 संबंधी जटिलताओं की वजह से बढ़ रहे हैं जिसमें स्टेरॉइड दवाओं का इस्तेमाल कई बार रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा देता है और कुछ दवाओं का परिणाम रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के रूप में निकलता है।
 
ये है लक्षण
डॉ.लहाने के अनुसार म्यूकोरमाइकोसिस का लक्षण सिरदर्द, बुखार, आंखों के नीचे दर्द, नाक या साइनस में जकड़न और आंशिक रूप से दृष्टि बाधित जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। उन्होंने बताया कि इसके इलाज के लिए 21 दिनों तक इंजेक्शन लगाना पड़ता है और एक दिन के इंजेक्शन का खर्च करीब नौ हजार रुपये है।
बता दें कि ये सभी मरीज कोरोना की जंग जीत चुके हैं, लेकिन  म्यूकोरमाइकोसिस की चपेट में आने के बाद अपनी आँखों की रोशनी गंवा बैठे हैं।
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