उदयपुर की पॉक्सो कोर्ट ने गुरुवार को सुनाए फैसले ने सभी को चौंका दिया है। मामला बलात्कार का है। कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया और आरोप लगाने वाली महिला को ही दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। इसकी वजह यह है के महिला ने झूठा केस किया और कोर्ट में अपने बयानों से ही मुकर गई। महिला को 3 महिने जेल और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक उदयपुर के अम्बामाता की रहने वाली 19 वर्षीय महिला पायल पुजारी को कोर्ट ने झूठी जानकारी देने और बयान से मुकरने के चलते धारा 344 के तहत दोषी माना है। कोर्ट ने महिला को एक माह का वक्त दिया है कि वे हाईकोर्ट में अपील करे, नहीं तो जेल भेज दिया जाएगा।
मामले में राज्य की ओर से पैरवी करने वाले स्पेशल पीपी रहे चेतन पुरी गोस्वामी ने बताया कि महिला लगातार अपने बयान से मुकरती रही। पीड़िता ने न्यायालय में झूठा शपथ पत्र दिया और 161 और 164 के कथनों को पूरी तरह से मुकर गई। इसी के चलते कोर्ट ने पीड़िता को धारा 344 का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
मामले में पीड़िता ने अंबामाता थाना पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। चेतन पुरी गोस्वामी ने बताया इस तरह के मामलों में कोर्ट और पुलिस का समय और पैसे बर्बाद होते हैं।
पिछले साल मई में पीड़िता पायल ने नवीन कुमार नाम के व्यक्ति पर रेप का आरोप लगाया था। पीड़िता ने बताया कि नवीन ने उसे कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर उसके के साथ बलात्कार किया है। यही नहीं उसका वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी दी।
साथ ही उससे शादी कर जबरन पत्नी बनाकर रखना चाहता था। पीड़िता ने पहले पुलिस और फिर कोर्ट में धारा 164 के तहत दिए बयानों में यह बात कही। महिला के बयान के आधार पर नवीन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे छह महीने जेल में गुजारने पड़े।
यह भी पढ़ें-