नोएडा। अप्रैल सबसे घातक महीने के रूप में याद किया जाएगा। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के आगे घुटने टेक दिया। यथार्थ अस्पताल में अप्रैल में करीब 18 कोरोना संक्रमित गर्भवती भर्ती की गईं। यह महिलाएं खुद कोरोना पॉजिटिव होते हुए कोरोना निगेटिव बच्चों को जब जन्म दिया तो अस्पताल के कर्मचारी समेत महिलाओं के परिवार में खुशियां मनाई गईं।
हालांकि बच्चों की तबीयत न बिगड़े इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों को मां से दूर रखा। मां के इस त्याग पर किसी ने 10 तो किसी ने 12 दिन के भीतर कोरोना को मात दिया। यथार्थ अस्पताल में भर्ती एक कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला ने 28 हफ्ते के प्री मेच्योर बच्चे को पिछले महीने जन्म दिया। जन्म के बाद बच्चे की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन बच्चे का चेहरा मां को देखना नसीब नहीं हुआ। अस्पताल प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, महिला की मौत हो गई, हालांकि बच्चा स्वस्थ है।
गौरतलब है कि कोरोना के कहर से दुनिया कांप रही है। रोजाना देश हजारों लाशों का ढेर देख रहा है। वहीं इस संक्रमण काल में नोएडा की करीब दो दर्जन महिलाओं के कोख में पल रहे बच्चे को कोरोना छू नहीं सका। मां भले की संक्रमित हो गईं, लेकिन बेटे या बेटी तक इस महामारी का असर नहीं आने दिया।