मुंबई स्थिति गेटवे ऑफ इंडिया में आई दरार, जानिए क्या है पूरा मामला?

पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट की माने तो इमारत की दीवार जर्जर हो चुकी है और कभी भी धराशायी हो सकती है। 

मुंबई स्थिति गेटवे ऑफ इंडिया में आई दरार, जानिए क्या है पूरा मामला?

गर्मी हो या सर्दी हो या वसंत या मानसून, गेटवे ऑफ इंडिया मुंबईकरों के लिए पसंदीदा हैंगआउट स्पॉट में से एक है। यह मुंबई का टॉप टूरिस्ट अट्रैक्शन में भी गिना जाता है और पूरे साल यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। गेटवे ऑफ इंडिया का संरचनात्मक डिजाइन 26 मीटर की ऊंचाई के साथ एक बड़े मेहराब के रूप में बनाया गया है। गेटवे ऑफ इंडिया को मुंबई के ताजमहल के रूप में भी जाना जाता है। यदि आप मुंबई घूमने आएं तो गेटवे ऑफ इंडिया की यात्रा के बिना आपकी यात्रा पूरी नहीं मानी जा सकती।

मुंबई में स्थित 100 साल पहले बनी इस पुरानी ऐतिहासिक इमारत गेटवे ऑफ इंडिया पर खतरे के बादल मंडरा रहे है, इसकी नींव और दीवारें कमजोर हो रही हैं। वहीं भारतीय पुरातत्व विभाग ने आशंका जताई है कि यदि समय रहते इसकी सुरक्षा के उपाय नहीं हुए तो यह इमारत कभी भी गिर सकती है। ऐसे में समुद्र के किनारे खड़ी इमारत इसकी मरम्मत की जरूरत है।

पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार यह इमारत 1924 में बन कर तैयार हुई थी वहीं आनेवाले अगले वर्ष इसकी उम्र एक सौ वर्ष पूरी हो जाएगी। वहीं पिछले दिनों पुरातत्व विभाग ने इस इमारत के शताब्दी वर्ष को देखते हुए स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट कराई थी। इस रिपोर्ट के परिणाम चौंकानेवाले आए हैं। रिपोर्ट की माने तो इमारत की दीवार जर्जर हो चुकी है और कभी भी धराशायी हो सकती है।

बता दें कि प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर राज्य पुरातत्व विभाग ने महाराष्ट्र सरकार से इस राष्ट्रीय धरोहर को संरक्षित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी है। यह एक राष्ट्रीय धरोहर है बावजूद इसके इमारत के रखरखाव की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार की है। जबकि पिछले दिनों कुछ पुरातत्व शास्त्रियों ने महाराष्ट्र सरकार पर इस इमारत को लेकर अनदेखी करने का आरोप लगाया था। हालांकि महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भरोसा दिया था कि इस इमारत की मरम्मत और रखरखाव के लिए 8 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

बता दें कि इस गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण कार्य 1924 में कराया गया था। मुंबई में समंदर किनारे यह इमारत ब्रिटेन के तत्कालीन किंग जॉर्ज पंचम के स्वागत के लिए बनाया गया था। पहली बार भारत दौरे पर आए किंग जॉर्ज पंचम ने इसी गेटवे ऑफ इंडिया के जरिए देश में घुसे थे। गेटवे के भव्य मेहराब की ऊंचाई 85 फीट है जबकि केंद्रीय गुंबद की ऊंचाई 83 फीट और व्यास 48 फीट है। गेटवे के मेहराब के दोनों ओर बड़े-बड़े हॉल हैं जिनमें एक बार में 600 लोग आसानी से बैठ सकते हैं।

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