देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में साइबर अपराध के मामलों में बहुत अधिक बढ़ोतरी देखी जा रही है, वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में साइबर अपराध के मामले 63.7 फीसद अधिक दर्ज किए गए हैं|गिफ्ट आदि देने और बिजली बिलों के भुगतान के बहाने ऑनलाइन धोखाधड़ी सहित साइबर अपराध के कुल 4,718 मामले दर्ज किए गए हैं , जबकि 2021 में यह संख्या 2,883 थी|
गौरतलब है कि दावा किया जा रहा है कि साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं|हालाँकि, आरटीआई से पता चला कि देश भर में भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं में 2021-22 की तुलना में 2022-23 में दोगुनी धोखाधड़ी देखी गई।
वर्ष 2018-19 में देशभर में भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं में साइबर धोखाधड़ी के 3 मामले सामने आए। बैंक को 95 लाख का चूना लगाया गया| साल 2019-20 में 4 मामलों में बैंक को 17 लाख का चूना लगाया गया| 2020-21 में बैंक को 21 मामलों में 2.74 करोड़ का चूना लगा| 2021-22 में 329 मामलों में बैंक को 4.45 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया|
2022-23 में बैंक को 722 फ्रॉड में 9.23 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया| ऐसे में स्टेट बैंक में हर साल साइबर धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इस पर लगाम कसने में बैंक प्रशासन पूरी तरह नाकाम है, इस बात को सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने सूचना के अधिकार के जरिए सामने रखा है|
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