पीएम मोदी ने एक बार फिर चौंकाया है। राष्ट्रपति पद के लिए उड़ीसा की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है। पीएम मोदी ने मंगलवार को देर रात एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। वैसे राष्ट्रपति पद के लिए कई नाम चर्चा में थे लेकिन पीएम मोदी ने द्रौपदी मुर्मू पर मुहर लगाकर विपक्ष को भी चित कर दिया। मंगलवार को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा ने ताल ठोंकी लेकिन उसमें दम नहीं दिखा। क्योंकि पहले ही विपक्ष के प्रस्तावित उम्मीदवारों ने यूटर्न ले लिया जिसमें शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला और महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी शामिल हैं।
हालांकि शरद पवार ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वे विपक्ष के क्यों उम्मीदवार बनने से इनकार किया। लेकिन, माना जा रहा है कि उन्होंने सक्रिय राजनीति में अभी बना रहना चाहते हैं। जिसकी वजह से वे इस प्रस्ताव को नकारा। जबकि फारूक अब्दुल्ला ने भी जम्मू और कश्मीर की राजनीति में सक्रियता बनाये रखने की वजह से इस प्रस्ताव को ठुकराया। हालांकि महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी इस प्रस्ताव को बिना किसी लाग लपेट के ठुकरा दिया।
वहीं, बीजेपी द्वारा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित करने किये जाने के पीछे कई कारण बताये जा रहा है। कहा जा रहा है कि बीजेपी आने वाले चुनावों बीजेपी इसका लाभ लेगी। क्योंकि कई राज्यों में बड़ी संख्या में आदिवासी रहते हैं। इसी साल गुजरात में होने वाले विधानसभा का चुनाव में बीजेपी भुनाएगी।
वैसे भी द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला होंगी। वर्तमान में बीजेपी ने दलित नेता राम नाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया हैं। दूसरी ओर वोट की रणनीति से भी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाये जाना सही कदम है। द्रौपदी मुर्मू ने 2015 से 2021 तक झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रहीं। गौरतलब है किद्रौपदी मुर्मू ओडिशा के एक गरीब परिवार से हैं। आर्थिक रूप से पिछड़े जिले मयूरभंज के आदिवासी परिवार से हैं। उनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ है। उन्होंने रमादेवी महिला कॉलेज भुवनेश्वर से बीए किया है ।
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