भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) अब अपनी स्वदेशी ‘अस्त्र’ एयर-टू-एयर मिसाइल को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने जा रहा है। भारतीय बलों ने 9 मई को पाकिस्तान के लड़ाकू विमान द्वारा दागी गई एक चीनी PL-15 मिसाइल को बरामद किया। यह मिसाइल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दागी गई थी, जो पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के जवाब में भारत की ताबड़तोड़ सैन्य कार्रवाई थी।
ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान वायुसेना का एक JF-17 या J-10C विमान चीन निर्मित PL-15 मिसाइल लेकर आया था, लेकिन यह अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई और पंजाब के होशियारपुर जिले में बिना फटे गिरी। यह घटना भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों के लिए एक दुर्लभ खुफिया अवसर साबित हुई। यह PL-15 का एक्सपोर्ट वर्जन था, जिसकी रेंज 145 किलोमीटर तक बताई जाती है। दिलचस्प बात यह रही कि इस मिसाइल में सेल्फ-डिस्ट्रक्ट मैकेनिज़्म नहीं था — जो सभी भारतीय मिसाइलों में मानक रूप से मौजूद होता है।
DRDO की विस्तृत जांच में सामने आया कि PL-15 में कई अत्याधुनिक तकनीकें मौजूद हैं। इसमें एक मिनी AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार लगा है, जो मिसाइल को सटीक दिशा और मार्गदर्शन देता है। इसके अलावा इसमें एक अत्याधुनिक इंजन है, जो इसे मैक-5 (Mach 5) से अधिक की गति तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। साथ ही इसमें एंटी-जैमिंग सिस्टम भी है, जिससे इसे इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप से बचाया जा सकता है।
DRDO अब इन प्रमुख तकनीकों, विशेष रूप से AESA रडार, को अपने अस्त्र मार्क-2 प्रोजेक्ट में शामिल करने की योजना बना रहा है। इससे भारत की मिसाइल तकनीक में एक बड़ी छलांग लगने की उम्मीद है।
इस खोज के बाद दक्षिण एशिया में नई रणनीतिक हलचल तेज हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान अब अपने हथियार भंडार को और उन्नत करने के प्रयास में है। बताया जा रहा है कि वह लॉन्ग-रेंज PL-17 मिसाइलें चीन से खरीदने, तुर्की से 2,000 कामिकाज़े ड्रोन लेने और अमेरिका को उच्च तकनीकी हथियारों की सूची सौंपने की तैयारी कर रहा है।
वहीं भारत भी अपनी तैयारियों को और मजबूत कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्राह्मोस, रैंपेज और SCALP मिसाइलों के शानदार प्रदर्शन के बाद भारत अब अपने राफेल विमानों के लिए और अधिक Meteor मिसाइलें खरीदने जा रहा है। साथ ही 800 किलोमीटर रेंज वाली नेक्स्ट-जेनरेशन ब्राह्मोस मिसाइल भी विकसित की जा रही है।
नई रणनीति के तहत भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट अब पाकिस्तान के चीनी HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम की रेंज से बाहर रहते हुए लॉन्ग-रेंज सुपरसोनिक मिसाइलें दाग सकेंगे। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान ने 10 मई शाम 5 बजे सीज़फायर की घोषणा के बाद भी जम्मू और राजस्थान सेक्टर में कामिकाजे ड्रोन और रॉकेट फायरिंग जारी रखी। हालांकि उस समय भारत ने संयम रखा, लेकिन नई दिल्ली ने साफ कर दिया है कि भविष्य में ऐसी हर हरकत का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
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