ईडी ने कोर्ट को बताया कि संजय भंडारी से सीधे तौर पर जुड़ी जितनी भी संपत्तियां हैं, चाहे वे कंपनियों के माध्यम से अर्जित की गई हों या व्यक्तिगत मालिकाना हक में हों, उन पर अब तक किसी भी व्यक्ति या संस्था ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। एजेंसी का कहना है कि ऐसे में ये संपत्तियां जब्त किए जाने के योग्य हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किए गए व्यक्ति की संपत्तियां दो श्रेणियों में बांटी जाती हैं। पहली श्रेणी में अपराध के जरिए अर्जित की गई संपत्ति शामिल है, और दूसरी श्रेणी में भारत या विदेश में मौजूद ऐसी कोई भी संपत्ति आती है, जिसमें आरोपी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी हो।
ईडी ने यह भी स्पष्ट किया कि अदालत के आदेशों के अनुरूप ही विदेशों में स्थित संपत्तियों की जब्ती को लेकर संबंधित देशों के साथ पत्राचार की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। इस पूरे मामले पर राउज एवेन्यू कोर्ट अब अगली सुनवाई 19 अगस्त को करेगा, जिसमें संपत्तियों की जब्ती पर अंतिम फैसला आने की संभावना है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों कोर्ट ने संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था, जिसके बाद अब ईडी उसकी संपत्तियों की जब्ती के लिए कानूनी कार्रवाई तेज कर चुकी है।
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