वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण!

वैश्विक संकट के बावजूद विकास दर में सबसे आगे भारत।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण!

Nirmala Sitharaman's statement on the fall in the value of the rupee

वित्‍त मंत्री ने इकोनॉमिक सर्वे 2023 सदन में पेश कर दिया। इकोनॉमिक सर्वे में वित्‍त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान और वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ का अनुमान 6 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। वहीं सर्वे में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान, महंगाई दर अनुमान, विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार घाटे की जानकारी शामिल होती हैं।

सर्वे में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वे के अनुसार, पर्चेजिंग पावर पैरिटी (पीपीपी) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक्सचेंज रेट के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था।

बता दें कि जीडीपी इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। जीडीपी देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है।

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, निजी खपत में वृद्धि से उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा मिला। बेहतर टीकाकरण व्यवस्था के कारण लोग एक बार फिर रेस्तरां, होटल, सिनेमाघरों व शॉपिंग मॉल में आ पाए और आर्थिक चक्र एक बार फिर कुछ हद तक पहले की तरह चलने लगा। केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय ने भी इसमें बड़ा योगदान दिया। सर्वे में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि के 2 मुख्य कारण निजी खपत और पूंजी संरचना ही रही है।

भारत के लिए साल 2022 कई मायनों में खास रहा। डॉलर के मौजूदा मापदंड के अनुसार हम दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन चुके हैं और मार्च तक खत्‍म होने वाले वित्‍तवर्ष में देश की नॉमिनल जीडीपी करीब 3.5 लाख करोड़ डॉलर होगी। इस दौरान अर्थव्‍यवस्‍था 7 फीसदी की गति से बढ़ने का अनुमान है, जो दुनिया में अन्‍य किसी भी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था वाले देश से कहीं ज्‍यादा है।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वर्तमान कीमतों पर वृद्धि दर के 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है। समीक्षा में कहा गया कि आगामी वित्त वर्ष के दौरान ज्यादातर वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत की वृद्धि दर मजबूत रहेगी। ऐसा निजी खपत में सुधार, बैंकों द्वारा ऋण देने में तेजी और कंपनियों द्वारा पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी के कारण होगा।

वहीं भारत सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में कहा गया है कि 2020 के बाद दुनिया को आर्थिक स्तर पर झटकों का सामना करना पड़ा है। कई देशों पर बुरा असर पड़ा है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। वित्त वर्ष 22 में देश की अर्थव्यवस्था ने अन्य मुल्कों से बेहतर विकास दर हासिल की।

ये भी देखें 

बजट सत्र 2023: राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- ‘गरीबी हटाओ’ अब केवल नारा नहीं!

Exit mobile version