कोरोना के बाद अब इन्फ्लूएंजा वायरस ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। इन्फ्लूएंजा के मामले ऐसे वक्त पर सामने आ रहे हैं, जब देश तीन साल बाद कोरोना महामारी से उबरा है। इन्फ्लूएंजा के अधिकतर मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं, जैसे खांसी, गले में संक्रमण, शरीर में दर्द, नाक से पानी आना। बच्चे और बुजुर्ग तेजी से वायरल की चपेट में आ रहे हैं। ये लक्षण लगभग 7 दिन तक बने रह सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का भी कहना है कि इन्फ्लूएंजा वायरस अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है।
वहीं अब भारत में इन्फ्लूएंजा वायरस एच3एन2 से पहली मौत का मामला सामने आया है। कर्नाटक के हासन के रहने वाले एक 82 वर्षीय व्यक्ति की इस वायरस से मौत की पुष्टि हुई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, मृत का नाम हीरा गौड़ा है। उसकी एक मार्च को मौत हुई थी। अब टेस्टिंग में पता चला है कि वह एच3एन2 वायरस से संक्रमित था। हीरा गौड़ा डायबिटीज और हाइपरटेंशन से भी पीड़ित था। उसे 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और एक मार्च को उसकी मौत हो गई। छह मार्च को उसकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
इन्फ्लूएंजा वायरस में इन बातों की रखें सावधानी- इन्फ्लूएंजा वायरस होने पर नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने समेत कोविड जैसी सावधानियों की सलाह डॉक्टरों की ओर से दी जा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने छींकने और खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढंकने, आंखों और नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द के लिए पेरासिटामोल लेने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि देश में इस वक्त एच3एन2 वायरस, जिसे हॉन्गकॉन्ग फ्लू भी कहते हैं, इसके 90 केसों की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा एच1एन1 वायरस के भी आठ केस रिपोर्ट हुए हैं। भारत में अब तक केवल एच3एन2 और एच1एन1 संक्रमण का पता चला है। इस दोनों ही संक्रमण में कोविड-19 जैसे लक्षण हैं, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया और 6.8 मिलियन लोगों की मौत हुई। कोरोना महामारी के 2 साल बाद बढ़ते फ्लू के मामलों ने लोगों में इस संक्रमण को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
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