29 मार्च 2025 को साल का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण लोगों के लिए एक खास अवसर होगा। यह अद्भुत खगोलीय घटना यूरोप, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड और अमेरिका तथा कनाडा के पूर्वोत्तर हिस्सों में देखी जाएगी। भारतीय समयानुसार (IST) यह सूर्य ग्रहण दोपहर 2:21 बजे शुरू होगा, 4:17 बजे अपने चरम पर पहुंचेगा और 6:14 बजे समाप्त हो जाएगा। हालांकि, यह भारत के किसी भी हिस्से में दृश्य नहीं होगा।
अमेरिका में, ग्रहण 4:50 AM EDT पर शुरू होगा, 6:47 AM EDT पर अपने चरम पर होगा और 8:43 AM EDT पर समाप्त होगा। न्यूयॉर्क, बोस्टन, मॉन्ट्रियल और क्यूबेक में यह देखने लायक होगा। वहीं, यूरोप में यह सुबह 10 बजे GMT के बाद शुरू होकर 11:03 AM GMT पर चरम पर पहुंचेगा और दोपहर तक समाप्त हो जाएगा।
आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी पूरी तरह एक सीध में न होकर आंशिक रूप से सूर्य को ढक लेता है। इस कारण, आकाश में सूर्य एक अर्धचंद्र या “डेविल हॉर्न्स” जैसे दिखता है।
ग्रहण को सीधे देखने से आंखों को नुकसान हो सकता है। इसे देखने के लिए ISO 12312-2 प्रमाणित सोलर व्यूअर्स या स्पेशल सनग्लासेस का उपयोग करना जरूरी है। लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए भी इस खगोलीय घटना का आनंद लिया जा सकता है। हालांकि यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन देशभर के खगोल प्रेमी इसे ऑनलाइन प्रसारण के माध्यम से देख सकते हैं। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसियां और वैज्ञानिक संगठन इस ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध कराएंगे। यह सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए एक शानदार अवसर होगा, हालांकि भारतीय दर्शकों को इसे देखने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का सहारा लेना होगा।
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सूर्य ग्रहण के दौरान कई परंपरागत मान्यताओं के अनुसार कुछ विशेष नियमों और अनुष्ठानों का पालन किया जाता है। ग्रहण के समय भोजन और पानी का सेवन टालना शुभ माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहने और तेज धार वाले उपकरणों का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना और घर की शुद्धि के लिए गंगाजल छिड़कना शुभ माना जाता है। मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं, और ग्रहण समाप्त होने के बाद ही पूजा-पाठ किया जाता है। इस दौरान मंत्र जाप और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।