भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शुक्रवार को पणजी में विदेश मंत्रियों की SCO परिषद की बैठक को संबोधित किया। SCO समिट में एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने पाकिस्तान, चीन समेत सभी SCO सदस्य देशों के सामने साफ कर दिया कि भारत सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, हम सबको मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा। आतंकवाद को अभी भी हराया नहीं जा सका। आतंकवाद से मुकाबला हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी एससीओ के इतर गोवा में चीन के विदेश मंत्री चिन गांग और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। भारत की ओर से साफ किया जा चुका है कि SCO समिट के इतर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी। वहीं, पाकिस्तान की ओर से भी कहा गया है कि बिलावल भुट्टों की यात्रा के दौरान भारत के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं करेंगे। हालांकि SCO के इतर बिलावल भुट्टों चीन और रूस के विदेश मंत्री के साथ बैठक कर सकते हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए गोवा पहुंचे हैं। पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री की 12 साल में यह पहली पहली यात्रा है। इससे पहले हिना रब्बानी जुलाई 2011 में शांतिवार्ता के लिए भारत दौरे पर आई थीं।
बता दें कि SCO की स्थापना 15 जून 2001 में की गई थी। इसकी स्थापना सदस्य देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के मकसद से की गई थी। संगठन के सदस्यों में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। एससीओ की बैठक हर साल आयोजित की जाती है। भारत SCO का अध्यक्ष है।
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