पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात आठ बजे 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बादल को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद पिछले हफ्ते ही मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तकलीफ बढ़ने पर शुक्रवार को उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था।
वे पंजाब के सबसे युवा और उम्रदराज मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पहली बार 1970 में 43 साल की उम्र में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। वहीं साल 2012 में 84 वर्ष की आयु में बादल ने सबसे उम्रदराज सीएम के तौर पर शपथ ली। भारत सरकार ने उन्हें 2015 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। उन्हें पंजाब में हिंदुओं और सिखों के बीच भाईचारा बनाए रखने के प्रयासों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
वहीं शिअद चंडीगढ़ अध्यक्ष हरदीप सिंह ने बताया कि प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर चंडीगढ़ के सेक्टर-28 के शिरोमणि अकाली दल कार्यालय में बुधवार सुबह 10:00 से 12:00 बजे दोपहर तक दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा। जहां 27 अप्रैल को दोपहर 1:00 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इस बीच, केंद्र सरकार ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सम्मान में 26 और 27 अप्रैल को पूरे देश में दो-दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई।
पीएम मोदी ने बादल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ। वह भारतीय राजनीति की एक महान शख्सियत और एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक रूप से काम किया और महत्वपूर्ण समय में राज्य को सहारा दिया।” प्रकाश सिंह बादल को अंतिम श्रद्धांजलि देने दोपहर 12 बजे पीएम नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ पहुंचेंगे।
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट किया कि श्री प्रकाश सिंह बादल आजादी के बाद से सबसे बड़े राजनीतिक दिग्गजों में से एक थे। हालांकि सार्वजनिक सेवा में उनका अनुकरणीय करियर काफी हद तक पंजाब तक ही सीमित था, लेकिन देश भर में उनका सम्मान किया जाता था। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।
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