अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार मुश्किलों में फँसते नजर आ रहे है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स को गलत तरीके से संभालने के आरोप में अभियोग चलाया जा रहा है। ट्रंप पर आरोप है कि व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद भी ट्रंप ने सैंकड़ों गोपनीय दस्तावेजों को अपने पास रखा। ट्रंप के ऊपर ये अब तक का सबसे बड़ा केस है, जिसमें उनके ऊपर अभियोग चलाया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद नेशनल आर्काइव ने ट्रंप और उनकी टीम से राष्ट्रपति रिकॉर्ड से जुड़े दस्तावेज लौटाने की मांग की थी। हालांकि कई महीने बाद करीब 200 गोपनीय दस्तावेज लौटाए गए। वहीं अगस्त 2022 में एफबीआई ने ट्रंप के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें एफबीआई को 100 से ज्यादा गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए थे। ट्रंप के खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उनमें से एक साजिश रचने का आरोप भी शामिल है।
ट्रंप ने खुद को बेगुनाह बताते हुए, उनके खिलाफ नए मामले दर्ज होने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि ‘उन्होंने कभी नहीं सोचा था अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के साथ कभी ऐसी चीजें भी होंगी! जिस व्यक्ति को अभी तक के सभी राष्ट्रपतियों के मुकाबले सबसे ज्यादा वोट मिले और अभी भी मौजूदा राष्ट्रपति के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय है, उसके साथ ऐसा हो रहा है। ट्रंप ने कहा कि यह अमेरिका के इतिहास का काला दिन है।
गौरतलब है कि ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स गायब हो गए थे। इसके बाद नेशनल आर्काइव एंड रिकॉर्ड एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों ने 2021 में ट्रंप के प्रतिनिधियों संग बातचीत की। प्रेसिडेंशियल रिकॉर्ड एक्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस के डॉक्यूमेंट्स को अमेरिकी सरकार की संपत्ति माना जाता है। इसलिए उन्हें सुरक्षित रखना होता है।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप 2024 के राष्ट्रपति पद के चुनाव में दावेदार हैं। हालांकि बीते दिनों उन्हें यौन शोषण के एक मामले में जुर्माना लगाया गया था। अब गोपनीय दस्तावेज से जुड़े मामले में भी वह फंसते नजर आ रहे हैं। जबकि ट्रम्प इससे पहले भी कई बार अपने ऊपर चल रहे सभी केस को एक राजनीतिक साजिश बता चुके हैं। उनके मुताबिक, उन्हें 2024 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
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