जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को जनरल एम.एम. नरवणे के सेवानिवृत्त होने के बाद 29वें थलेसना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाल लिया| 29वें चीफ के तौर पर पदभार संभालने वाले जनरल पांडे कोर ऑफ इंजीनियरिंग के पहले अधिकारी है एक फरवरी को थल सेना का उप-प्रमुख बनने से पहले वह थल सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे| इस कमान पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा की जिम्मेदारी है|
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अपने करियर के दौरान अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख के तौर पर भी काम कर चुके हैं| अंडमान निकोबार कमान भारत में तीनों सेनाओं की एकमात्र कमान है|जनरल मनोज पांडे अपने चालीस साल के कैरियर में चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा से लेकर अंडमान निकोबार तक मे सेना में अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं|
दो साल के अपने कार्यकाल में उनके सबसे बड़ी चुनौती चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव को कम करना, पाकिस्तान की ओर से आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाना और हथियारों पर आत्मनिर्भरता बढ़ाना जैसे मूद्दे रहेंगे|
जनरल पांडे ने ऐसे समय में थल सेना की कमान संभाली है, जब भारत चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर चुनौती सहित असंख्य सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है| सेना प्रमुख के रूप में, उन्हें थिएटर कमांड को तैयार करने की सरकार की योजना पर नौसेना और वायु सेना के साथ समन्वय करना होगा| भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत थिएटर कमांड तैयार करने पर काम कर रहे थे, जिनका पिछले साल दिसंबर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया|
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