सीरिया में गैर-मुस्लिमों और अलवाइट्स का नरसंहार, यूरोप क्यों कर रहा है नजरअंदाज ?

सीरिया में गैर-मुस्लिमों और अलवाइट्स का नरसंहार, यूरोप क्यों कर रहा है नजरअंदाज ?

Genocide of non-Muslims and Alawites in Syria, why is there a ban in Europe?

सीरिया में सुरक्षा बलों और अपदस्थ अल-असद शासन के समर्थकों के बीच गुरुवार (6 मार्च) से शुरू हुई बदला लेने की लड़ाई में दो दिनों में लगभग 1000 मासूमों को मौत के घाट उतारा गया। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (एसओएचआर) ने शनिवार (8 मार्च) को कथित तौर पर पुष्टि की कि 745 नागरिकों के अलावा, जिनमें से अधिकांश को लिटा कर गोलियां मारी गई। वहीं अब तक 125 सरकारी सुरक्षा बल के सदस्य और राष्ट्रपति बशर अल-असद से संबद्ध सशस्त्र समूहों के 148 आतंकवादी मारे जाने की जानकारी सामने आ रही थी। दरम्यान सीरिया के गैर-मुस्लिमों नरसंहार की खबरें भी सामने आ रही है। सीरिया में स्थित अल्पसंख्य क्रिश्चन परिवारों को HTS के लड़ाके घर से बाहर निकाल कर उनका क़त्ल कर रहें है। साथ ही बच्चों को परिवारों से अलग किया जा रहा है।

एक सीरियन क्रिश्चन नागरिक ने सोशल मीडिया एक्स से अपना वीडिओ पोस्ट किया है। इस वीडिओ में उसे कहते हुए सुना जा सकता है की उसने मौत के डर से अपना चेहरा छुपा रखा है। उसने वीडिओ में कहा, “में अपना छुपा रखा है, क्योंकि में नहीं चाहता उन्हें मेरा चेहरा पता चले, अगर उन्होंने मुझे देख लिया तो वो मुझे मार देंगे। में सीरिया में रहता हूं, में सीरिया के लतरका में रहता हूं। प्लीज, प्लीज, प्लीज मीडिया आपको कुछ भी नहीं दिखा रहा है। आतंकी सभी को मार रहें है। बच्चे, महिलाऐं, युवा, वृद्ध…सिर्फ उन्हें मार रहें है। मेरे गांव में अभी 100 से अधिक लाशें पड़ी हुई है। अभी वो शहर में बच्चों और महिलाओं को लेकर मार रहें है। मुझे पता नहीं मेरी मां और मेरी 2 बहनें है उनके साथ क्या करूंगा। प्लीज आपको हमारी मदद करनी होगी। कोई भी सोशल मीडिया पर हमारे बारे में बात नहीं कर रहा है, सोशल मीडिया और टीवी चैनल्स भी नहीं। वे सभी सच्चाई छुपा रहें है। वो कह रहें है की वो विरोधियों को मार रहें है, मगर यह 2 दिन पहले ही ख़त्म हो चूका है। प्लीज आपको हमारी मदद करनी होगी। वो दो दिनों से अभी तक हमारें लोगों को मार रहें है। सैंकड़ों की तादाद में रास्तों पर लाशें बिछाई गई है।”

साथ ही विडिओ में सीरियन क्रिश्चन ने कहा है की उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। आतंकी घर में घुसकर आम लोगों को घर से बाहर निकालकर उन्हें मौत के घाट उतार रहें है। उनसें फ़ोन और कैमरे छीने जा रहें है, जिससे कोई भी रिकोर्डिंग न कर पाए। साथ ही सीरियन क्रिश्चन ने अपनी दो बहनों की चिंता जताते हुए मदद की मांग की है।

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बता दें की यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान यूरोपीय देशों ने इसे पुरे विश्व का मुद्दा बनाना चाहा था। जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार ने भी रूस के युद्ध को विश्व की परेशानी की तरह दिखाया था। साथ ही यूरोपियन देशों ने अब तक 267 बिलीयन यूरो से अधिक पैसा यूक्रेन युद्ध पर खर्च किया है। वहीं सीरिया में नरसंहार के बीच फसें शिया अलवाइट्स और क्रिश्चन अल्पसंख्यांको की रक्षा के लिए बग़ल के यूरोपियन देशों से कोई भूमिका नजर नहीं आती। भारीतय विदेश मंत्री का “यूरोप की समस्या पुरे विश्व की समस्या होती है, लेकीन पुरे विश्व की समस्या यूरोप की समस्या नहीं होती” यह तंज आज सच्चाई होते दिख रहा है।

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