अशरफ गनी ने बताया था की 15 हजार पाकिस्तानी आतंकी आ रहे हैं अफगान

अशरफ गनी ने बताया था की 15 हजार पाकिस्तानी आतंकी आ रहे हैं अफगान

file photo

वाशिंगटन। दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बातचीत की थी। गनी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया था कि पाकिस्तान की सहायता से एक फिर तालिबान अफगानिस्तान पर बड़ा हमला करने वाला है। यह तब की बात है जब तालिबान अफगान पर पूरी तरह से नियंत्रित नहीं किया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गनी ने अपने 14 मिनट की बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया था कि अफगान पर होने वाले हमले में 10000 से 15000 पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल हैं।

नहीं भांप पाए तालिबान की तैयारी:समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, दोनों नेताओं की बातचीत से यह संकेत मिलते हैं कि उस समय न तो बाइडेन और न ही गनी को इस बात का अंदेशा था कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा इतनी जल्दी हो जाएगा। बातचीत के दौरान बाइडेन जहां अफगानिस्तान को हवाई हमले में मदद की बात कर रहे थे तो वहीं गनी तेजी से एक्शन उठाए जाने की बात कर रहे थे। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के साथ ही अफगानिस्तान पर अपना नियंत्रण कर लिया।अफगान सरकार के कर्मचारी और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के साथ ही कई लोग लगातार तालिबान को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान पर उंगली उठाते रहे हैं।
बाइडन ने गनी को दी थी यह सलाह: हालांकि, पाकिस्तान भी लगातार इन दावों को खारिज करता आया है। जो बाइडेन ने फोन पर अशरफ गनी से कहा था कि अगर गनी तालिबान के हमले के खिलाफ कोई योजना बनाते हैं तो अमेरिका हर तरह से समर्थन प्रदान करेगा। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की मानें तो जब तालिबान अपनी बढ़त कायम कर रहा था और एक के बाद एक जिले पर कब्जा कर रहा था तब बाइडेन ने गनी को सलाह दी थी कि वह उस समय अफगान राजनेताओं की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके अफगानिस्तान की धारणा को दुनिया के सामने बदलने की कोशिश करे। इतना ही नहीं, बाइडन ने गनी को सलाह दी थी कि अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री जनरल बिसमिल्ला खान मुहम्मदी को योजना का वॉरियर बनाया जाए।
14 मिनट तक चली बातचीत: समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, 14 मिनट तक चली इस बातचीत में गनी ने जो बाइडेन को बताया था कि अफगानिस्तान में तालिबान की पूरी तरह कब्जे की तैयारी है, जिसे पाकिस्तान का समर्थन मिल रहा है और इस काम के लिए कम-से-कम 10 से 15 हजार आतंकवादियों को लगाया गया है।

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