पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में शुक्रवार (22 अगस्त)सुबह एक हिमनद झील विस्फोट (ग्लेशियर फटने) के कारण आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन ने गिजर जिले के कई गांवों को तबाह कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा में 330 से अधिक घर और दर्जनों दुकानें क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए हैं।
आपदा से बनी सात किलोमीटर लंबी कृत्रिम झील ने रौशन और तिल्दास गांवों को बुरी तरह प्रभावित किया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, रौशन गांव का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा पानी में बह गया। बाढ़ के पानी ने कृषि भूमि और सड़क नेटवर्क को भी भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे कई इलाके पूरी तरह कट गए।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने पुष्टि की है कि अब तक किसी भी तरह की जान-माल की हानि की खबर नहीं है। राहत-बचाव अधिकारियों ने बताया कि 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हालांकि, स्थानीय आबादी में गहरी दहशत बनी हुई है।
गुपिस-यासीन के अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) ने कहा कि विस्थापित परिवारों को तुरंत टेंट, भोजन और जरूरी राहत सामग्री उपलब्ध कराना आवश्यक है। वरिष्ठ अधिकारी शेर अफजल ने बताया कि कुछ ऊपरी घर अब भी जलमग्न हैं, लेकिन स्पिलवे खुलने के बाद बड़े पैमाने पर नुकसान का खतरा टल गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि रौशन में बना प्राकृतिक बांध अब भी अस्थिर है और दबाव के चलते टूट सकता है।
पाकिस्तान मौसम विभाग (PMD) ने शनिवार(23 अगस्त) से बारिश की चेतावनी जारी की है और हिमालयी क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित किया है। अधिकारियों ने कहा कि पानी पूरी तरह निकलने में समय लगेगा और अगले कुछ दिनों तक खतरा बना रहेगा। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा की घाटियों में इस साल अब तक चार बार हिमनद झील विस्फोट (GLOF) की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनसे घरों, फसलों और सड़क संपर्कों को भारी नुकसान पहुंचा है।
यह भी पढ़ें:
ED का छापा: कांग्रेस विधायक के घर से निकली 12 करोड़ नकद और 6 करोड़ की ज्वैलरी!
“मेरी हत्या हुई तो जिम्मेदार अखिलेश यादव होंगे।”
अमेरिका को डाक सेवा पर रोक: ट्रंप प्रशासन के शुल्क फैसले के बाद भारत का बड़ा कदम!



