जम्मू कश्मीर के लिथियम भंडार की जल्द होगी नीलामी, बड़ी मुश्किल है ये शर्त! 

 56 लाख टन है। जिसको कीमत 3000 अरब आंकी गई है।

जम्मू कश्मीर के लिथियम भंडार की जल्द होगी नीलामी, बड़ी मुश्किल है ये शर्त! 
जम्मू कश्मीर में मिले लिथियम भंडार को सरकार जल्द नीलामी के लिए निविदा निकाले वाली है। यह नीलामी अप्रैल जून में करने का लक्ष्य रखा गया है। कहा जा रहा है कि इतनी जल्दी  नीलामी की वजह लिथियम भंडार है। अगर लिथियम मिलने के संकेत मिलते तो सरकार नीलामी की प्रक्रिया को अभी कुछ समय के लिए टाल सकती थी। लेकिन जम्मू कश्मीर में मिले भण्डार में किसी प्रकार का कोई संशय नहीं है। इसलिए सरकार जल्द क्ससे जल्द इसकी निविदा निकालकर नीलामी करना चाहती है।
 लिथियम निकालने में भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती: भारत सरकार इस भंडार के लिए बड़ी योजना भी बनाई है। बताया जा रहा है कि सरकार ने बोलियां को सामान्य प्रक्रिया के अनुसार रखा है। इस भंडार की नीलामी में कोई भी बोली लगा सकता है। लेकिन इसमें एक शर्त भी रखी गई है। कहा जा रहा है कि लिथियम भंडार की बोली जीतने को इसका इस्तेमाल भारत में ही करना होगा। हालांकि,बोली जितने वाले के सामने बड़ी चुनौती यह होगी कि लिथियम रिफायनिंग प्रकिया भारत में नहीं होती है। ऐसे बोली जीतने वाले के सामने लिथियम निकालना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
56 लाख टन का भण्डार,3000 अरब कीमत: जम्मू कश्मीर में लिथियम का 56 लाख टन भण्डार है। जो भारत में सातवें स्थान पर है। पहले स्थान पर बोलिविया,अर्जेंटीना,अमेरिका चिली, ऑस्ट्रेलिया और चीन हैं। गौरतलब है कि लिथियम का उपयोग मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक बाइक के साथ चार्जेस बैटरी बनाने में किया जाता है। वर्तमान भारत लिथियम के लिए दूसरे देशों के भरोसे है। वहीं भारत में जो लिथियम मिला है 56 लाख टन है। जिसको कीमत 3000 अरब आंकी गई है।
लिथियम चीन और हॉन्कॉन्ग से आयात: बताया जाता है कि भारत सबसे ज्यादा लिथियम चीन और हॉन्कॉन्ग से आयात करता है। लगातार के बढ़ते उपयोग से उसकी कीमतों में इजाफा हो रहा है। इसलिए भारत में मिले इस भंडार से  भारत के आयात पर बहुत बड़ा असर देखा जा सकता है। लिथियम के लिए बड़े  पैमाने पर विदेशी मुद्रा खर्च करता है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस करने से लिथियम की मांग बढ़ गई है। ऐसे में यह भंडार भारत के लिए करामाती साबित हो सकता है। इसकीवजह से भारत में चार्जेस बैटरियों का निर्माण हो जो सस्ते होंगे।
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