अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने ऐलान किया है कि गुजरात से अयोध्या की तीर्थ यात्रा करने वाले आदिवासियों को 50,000 की मदद करेगी। शनिवार को राज्य के पर्यटन मंत्री पूर्णेश मोदी ने इस संबंध में घोषणा की। राज्य सरकार ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि अयोध्या जाने वाले प्रत्येक आदिवासी को 50,000 की आर्थिक मदद की जाएगी।
गुजरात के पर्यटन मंत्री पूर्णेश मोदी ने आर्थिक मदद दिए जाने की घोषणा शुक्रवार को आदिवासी बहुल डांग जिले में की। सुबीर गांव में मौजूद शबरी धाम में वह लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि आदिवासियों को अयोध्या तीर्थ यात्रा के लिए सरकार 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देगी। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक मदद भी कैलाश मानसरोवर यात्रा, सिंधु दर्शन और श्रवण तीर्थ यात्रा के लिए दी जाने वाली राशि के ही समान है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि दशहरा समारोह के दौरान पूर्णेश मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने डांग के सापुतारा से नर्मदा जिले में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक एक पर्यटन सर्किट का निर्माण का काम शुरू कर दिया है। वहीं गुजरात के आदिवासियों के लिए भी प्रभु श्रीराम के दर्शन आसान हो जाएंगे।
दरअसल यात्रा में आने वाला खर्च अब गुजरात सरकार वहन करेगी। सरकार हर आदिवासी को तीर्थ यात्रा के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इससे वह आसानी से दर्शन के लिए जा सकेंगे।गुजरात के पर्यटन मंत्री ने इस योजना का ऐलान करते हुए कहा कि आदिवासी माता शबरी के वंशज हैं ,और माता शबरी भगवान राम की परम भक्त थीं। बता दें कि अयोध्या में भगवान राम का विशाल मंदिर बन रहा है। यह मंदिर करोड़ों हिन्दुओं के आस्था का केंद्र है। यहां कई पर्यटन स्थल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अयोध्या में देश विदेश श्रद्धालु आते हैं।
दरअसल यात्रा में आने वाला खर्च अब गुजरात सरकार वहन करेगी। सरकार हर आदिवासी को तीर्थ यात्रा के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इससे वह आसानी से दर्शन के लिए जा सकेंगे।गुजरात के पर्यटन मंत्री ने इस योजना का ऐलान करते हुए कहा कि आदिवासी माता शबरी के वंशज हैं ,और माता शबरी भगवान राम की परम भक्त थीं। बता दें कि अयोध्या में भगवान राम का विशाल मंदिर बन रहा है। यह मंदिर करोड़ों हिन्दुओं के आस्था का केंद्र है। यहां कई पर्यटन स्थल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। अयोध्या में देश विदेश श्रद्धालु आते हैं।