अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) का बचाव करने पर दिवंगत पत्रकार जमाल खशोगी की पत्नी हनान खशोगी ने तीखी आपत्ति जताई है। हनान ने कहा कि उनके पति की हत्या किसी भी तरह से जायज़ नहीं ठहराई जा सकती और MBS को उनसे मिलकर क्षमा मांगनी चाहिए।
हनान खशोगी ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए POTUS को टैग कर लिखा, “मेरे पति की हत्या का कोई औचित्य नहीं है। जमाल एक ईमानदार, पारदर्शी और साहसी व्यक्ति थे। कई लोग उनकी राय से असहमत हो सकते हैं, लेकिन यह कभी भी हत्या का कारण नहीं बन सकता। क्राउन प्रिंस ने कहा कि उन्हें अफसोस है, तो उन्हें मुझसे मिलकर माफी मांगनी चाहिए और इस अपराध के लिए क्षतिपूर्ति करनी चाहिए।”
हनान खशोगी की यह प्रतिक्रिया तब सामने आई जब डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि MBS “खशोगी की हत्या के बारे में कुछ नहीं जानते थे”, यह रुख वाशिंगटन की 2021 की उस निष्कर्षात्मक खुफिया रिपोर्ट से बिल्कुल अलग है, जिसमें कहा गया था कि क्राउन प्रिंस ने खशोगी की हत्या की अनुमति दी थी। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर ट्रंप ने कहा, “आप ऐसे व्यक्ति का ज़िक्र कर रहे हैं जो बेहद विवादित था। बहुत से लोग उन्हें पसंद नहीं करते थे। पसंद करें या न करें, दुनिया में घटनाएं होती रहती हैं।”
ट्रंप के इस बयान ने खशोगी हत्याकांड से जुड़े अमेरिकी रुख पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर इसलिए क्योंकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने स्पष्ट रूप से निष्कर्ष निकाला था कि 2018 में इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में हुई इस हत्या की मंजूरी क्राउन प्रिंस ने दी थी। दूसरी ओर, MBS ने पत्रकारों से कहा कि खशोगी की मौत के बारे में सुनना उनके लिए “दर्दनाक” था और उनकी सरकार ने “जांच के लिए सभी सही कदम उठाए हैं।” उन्होंने कहा, “हमने अपनी प्रणाली को मजबूत किया है ताकि ऐसी गलती दोबारा न हो। यह एक बड़ी और दुखद गलती थी।”
मानवाधिकार संगठनों ने खशोगी की हत्या ही नहीं, बल्कि सऊदी अरब में असहमति के दमन के लिए भी MBS की कड़ी आलोचना की है। हालांकि, इसके साथ ही क्राउन प्रिंस ने कई बड़े सामाजिक सुधार लागू किए हैं, जिनसे देश की कठोर सामाजिक व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है। डोनाल्ड ट्रंप के नवीनतम बयान ने एक बार फिर इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में ला दिया है, जहां न्याय, मानवाधिकार और कूटनीतिक रिश्तों के बीच संतुलन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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