हाथरस भगदड़: क्षमता से ज्यादा लोग जुटे, FIR से हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

एफआईआर के मुताबिक, आयोजकों ने 80,000 लोगों के जमावड़े की इजाजत मांगी थी| हालांकि इस आयोजन में ढ़ाई लाख से ज्यादा लोग जुटे थे| साथ ही उन पर सबूतों से छेड़छाड़ करने का भी आरोप है. इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में खबर दी है|

हाथरस भगदड़: क्षमता से ज्यादा लोग जुटे, FIR से हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

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हाथरस में एक सत्संग के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के बाद, मुख्य स्वयंसेवक देव प्रकाश मधुकर और आयोजकों के साथ-साथ अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। एफआईआर के मुताबिक, आयोजकों ने 80,000 लोगों के जमावड़े की इजाजत मांगी थी| हालांकि इस आयोजन में ढ़ाई लाख से ज्यादा लोग जुटे थे| साथ ही उन पर सबूतों से छेड़छाड़ करने का भी आरोप है. इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में खबर दी है|

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार शाम एक सत्संग कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 161 लोगों की मौत हो गई| मरने वालों की संख्या अब 121 हो गई है| तो वहीं सैकड़ों श्रद्धालु घायल हो गए हैं| मृतकों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक होने की आशंका है| यह भगदड़ मंगलवार को स्थानीय उपदेशक नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान हुई| “कार्यक्रम में उम्मीद से ज़्यादा हज़ारों लोग आये।

भोले बाबा के सत्संग स्थल से जाने के बाद उनके द्वारा छुई गई मिट्टी को लेने के लिए भीड़ जमा हो गई। इसके लिए लोगों को ज़मीन पर फैला दिया गया। इससे भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में श्रद्धालु पास के नाले में गिर गए,” उत्तर प्रदेश महासचिव मनोज कुमार सिंह ने जानकारी दी|

क्या कहती है एफआईआर?: एफआईआर के मुताबिक, आयोजक ने कार्यक्रम में करीब 80,000 श्रद्धालुओं के जुटने की इजाजत मांगी थी| हालांकि, संगठन ने यह नहीं बताया था कि इससे पहले आयोजित कार्यक्रमों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटे थे| साथ ही मंगलवार के कार्यक्रम में विभिन्न जिलों और आसपास के राज्यों से करीब ढाई लाख लोग जुटे थे| अनुमति शर्तों का पालन नहीं होने के कारण जीटी रोड पर यातायात अवरुद्ध हो गया।

इस संबंध में मुख्य स्वयंसेवक देव प्रकाश मधुकर और अन्य अज्ञात आयोजकों और स्वयंसेवकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा कि उपदेशक नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन मामले में दर्ज पहली एफआईआर में उनका नाम नहीं है|

इस बीच, एफआईआर में भोले बाबा का नाम नहीं होने से मृतक के परिजनों ने नाराजगी जताई है| बाबा की वजह से लोग आये| इसलिए, भोले बाबा को मुख्य आरोपी माना जाना चाहिए।

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