अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि इस मामले में एक नया मीडिएटर सामने आया है। साथ ही अभी तक कोई प्रतिकूल बात नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2026 को सुनवाई तय करते हुए कहा कि अगर इस बीच कोई नया डेवलपमेंट हो तो अदालत से सुनवाई की मांग की जा सकती है।
निमिषा प्रिया को बचाने के लिए सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। निमिषा के वकील ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वह डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए यमन सरकार से बात करे और फांसी पर जल्द से जल्द रोक लगाई जाए।
नर्स निमिषा प्रिया को यमन की अदालत ने 2017 में एक नागरिक की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। 16 जुलाई 2025 को निमिषा को फांसी दी जानी थी, हालांकि उनकी फांसी की सजा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी।
निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने केंद्र सरकार से एक प्रतिनिधिमंडल के यमन जाने की अनुमति मांगी थी, ताकि यमन के कानून के अनुसार पीड़ित परिवार से क्षमादान मिल सके। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने पहले यमन में गंभीर सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए काउंसिल के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
मंत्रालय ने काउंसिल को सूचित किया था कि वह वर्तमान परिस्थितियों में युद्धग्रस्त देश की यात्रा की मंजूरी नहीं दे सकता, क्योंकि यमन में सशस्त्र संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता के कारण वहां किसी को भेजना बेहद खतरनाक है।
केंद्र ने स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स और राज्य रैंकिंग की जारी!



