उत्तर भारत में आसमानी बारिश कहर बरसा रही है। उत्तर भारत की कई नदियां उफान पर हैं। लगातार हो रही बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ वजह हाहाकार मचा हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा से अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं पहाड़ी इलाकों में सड़के धंस गई है तो कई रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। इतना ही नहीं सड़कों पर पानी जमा होने से गाड़ियां तैरती हुई नजर आ रही हैं। इससे दिल्ली पंजाब हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड प्रभावित है।
दिल्ली में बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है बताया जा रहा है कि 1982 ऐसी बरसात हुई थी। वहीं हिमाचल प्रदेश के सोलन में 135 मिमी तक बारिश हुई है। जब सोलन में 1971 105 मिमी तक बारिश हुई थी। इस तरह देखा जाए तो सोलन में 50 साल का रिकार्ड टूट गया। इसी तरह ऊना में भी 1993 का रिकॉर्ड टूट गया यहां भी जमकर बदल बरसे। जिससे जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
दिल्ली में रविवार को हुई बारिस में 15 घर जमींदोज़ हो गए। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है। दिल्ली में बारिश की वजह से ट्रैफिक पुलिस ने सड़क अपने तीन हजार जवानों को उतारा है। मौसम विभाग के अनुसार पूरे सप्ताह यह आसमानी आफत जारी रहेगी। साथ ही मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।वहीं नोएडा और दिल्ली के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। ये स्कूल 12 जुलाई तक बंद रहेंगे। दिल्ली में मूसलाधार बारिश से यमुना नदी उफान पर है। यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जबकि निचले इलाकों में पानी भर गया है।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन ने आफत लेकर आया है। बताया जा रहा है कि 24 घंटे में 6 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि तीन लोग लापता हैं। सबसे खराब हालत पंजाब की है। सरकार ने सेना से मदद मांगी है। गृह सचिव ने पश्चिम कमांड को पत्र लिखकर तैयार रहने को कहा है। वहीं मोहाली में स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। मोहाली में के आसपास इलाकों में सेना की सहायता के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
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