गुवाहाटी एयरपोर्ट पर नमाज के लिए एक अलग से कमरा बनाये जाने की मांग की गई है। इस संबंध में दायर की गई जनहित याचिका को गुवाहाटी हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा है कि इसमें क्या जनहित है और मूल अधिकार क्या है। अगर नमाज के लिए आग कमरा नहीं बनाता है तो इससे क्या नुकसान होगा। वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि कई फ्लाइट की टाइमिंग नमाज के दौरान है।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने पूछा कि ” इसमें मूल अधिकार का क्या मामला है। हमारा देश सेक्युलर है। किसी एक समुदाय के लिए कैसे अलग प्रार्थना के लिए व्यवस्था की जाए। अगर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है तो जनता का क्या नुकसान हो सकता है। हम एक ही समुदाय के बीच नहीं रहते हैं। यहां भी कुछ जगह होती है अगर किसी प्रार्थना करने की इच्छा है तो वहां जाकर कर सकता है। वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा कि कुछ फ्लाइटों का समय ऐसा होता है जब नमाज का वक्त होता है।
जिस पर कोर्ट ने कहा कि “अगर ऐसा है तो आपको अपनी सुविधा के अनुसार फ्लाइट लेना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम आपके जवाब से सहमत नहीं है। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी एक ही समुदाय के लिए ऐसी व्यवस्था की जाए। ऐसे में याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली अगरतला और तिरुवनंतपुरम के एयरपोर्ट पर ऐसी सुविधा है। कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो क्या मूल अधिकार का उल्लंघन है ? कोर्ट ने पूछा कि क्या यह किसी नागरिक अधिकार है कि वह नमाज के लिए अलग कमरे की मांग कर सकता है। अगर ऐसी मांग एयरपोर्ट पर उठाई जायेगी तो लोग अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी ऐसी मांग कर सकते हैं।
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