अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडेनबर्ग रिसर्च को संस्थापक नैट एंडरसन द्वारा बंद करने का निर्णय लिया गया है। एंडरसन ने एक्स से घोषणा कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा हमने जो कुछ करने का निर्णय लिया था वह पूरा हो चुका है। एंडरसन ने इस बात को स्पष्ट किया है कि कंपनी बंद करने के इस फैसले के पीछे कोई धमकी या व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है।
कंपनी के संस्थापक नैट एंडरसन ने लिखा कि इस कंपनी को बनाना उनका सपना था। पहले तो यह पता नहीं था कि इसका कोई संतोषजनक समाधान निकल पाएगा या नहीं। यह विकल्प बिल्कुल भी आसान नहीं था। लेकिन मैं आगे आने वाले खतरों से अनभिज्ञ था और उनकी ओर आकर्षित हो गया। एंडरसन ने यह भी कहा कि जब उन्होंने यह काम शुरू किया तो उन्हें संदेह था कि क्या वे यह काम कर पाएंगे, क्योंकि उनके पास पारंपरिक वित्तीय पृष्ठभूमि नहीं थी। इस क्षेत्र में उनका कोई रिश्तेदार नहीं था। उनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई। वे तो यह भी नहीं जानते थे कि उचित कपड़े कैसे पहने जाएं। अतीत में, अधिकांश नौकरियों में उनकी अनदेखी की जाती थी, भले ही वह एक अच्छे कर्मचारी थे।
इसके बाद उन्होंने हिंडेनबर्ग रिसर्च कंपनी शुरू की। लेकिन उस समय उसके पास पैसे नहीं थे। बाद में उन्होंने 11 लोगों की एक टीम बनाई। उन्होंने कर्मचारियों की क्षमता को देखा, न कि केवल इसलिए कि उन्हें उनकी आवश्यकता थी, उन्हें नौकरी पर रखा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी तरह उनकी टीम की भी वित्तीय पृष्ठभूमि अच्छी नहीं है।
नाथन एंडरसन ने आगे कहा, “हमने भ्रष्टाचार, झूठ और दुर्व्यवहार पर सबूतों के साथ हमला किया।” ये लड़ाइयाँ सच्चाई को सामने लाने के लिए थीं। झूठ, भ्रष्टाचार और नकारात्मकता का प्रारंभिक प्रभाव प्रभावशाली लगता है, लेकिन हमने सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा है, यही कारण है कि हम यह यात्रा कर पाए हैं। हमारे कार्य के परिणामस्वरूप कम से कम 100 व्यक्तियों के विरुद्ध दीवानी मुकदमे दायर किये गये हैं।
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बता दें की, हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी ने 2023 में अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर आरोप लगाया था। उस समय गौतम अडानी दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे। इस रिपोर्ट से भारत समेत पूरी दुनिया में हलचल मच गई। इसका असर संसद पर भी पड़ा। अब यह घोषणा की गई है कि यह शॉर्ट सेल्लिंग कंपनी बंद कर दी जाएगी, लेकीन क्यों इसका ठोस कारण देने में नैट एंडरसन चूक गए है।