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बांग्लादेश में 2014 से हिन्दू समुदाय को सबसे ज्यादा बनाया गया निशाना  

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ढाका। बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में और इस्कॉन मंदिर तोड़फोड़ से हिन्दू समुदाय का यहां रहना मुश्किल हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार नौ साल में यहां 3721 घरों और मंदिरों को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि 2014 के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले जारी हैं। इस साल कट्टरपंथियों ने सबसे अधिक 1201 घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की।

 इस साल अब तक हिंदू समुदाय को घरों और मंदिरों पर 1,678 हमलों का सामना करना पड़ा है। हिंदुओं को अपने धर्म के पालन करने और जीवनयापन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हिंदुओं के मंदिरों को नुकसान पहुंचाए जाने के कई वाकये सामने आए हैं। हाल ही में नवमी के दिन कमिला इलाके में हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा के पंडालों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं। इस दौरान करीब 4 घंटे तक कट्टरपंथियों ने उपद्रव किया था। इस हिंसा के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई थी और 22 जिलों में तनाव के चलते सेना को तैनात करना पड़ा था। बीते तीन सालों में बांग्लादेश में 18 हिंदू परिवारों को हिंसा का सामना करना पड़ा है।
यही नहीं राइट्स ऐक्टिविस्ट्स का कहना है कि असल आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि मीडिया बड़ी घटनाओं को ही कवर करता है। बीते 9 सालों में सबसे बुरी स्थिति 2014 में रही है, जब अल्पसंख्यक समुदाय के 1,201 घरों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। इस साल की बात करें तो अब तक कट्टरपंथी तत्वों ने 196 घंरों, ट्रेडिंग सेंटर्स, मंदिरों और मठों को नुकसान पहुंचाया है। यही नहीं कई जगहों पर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं से तोड़फोड़ भी की गई है।
मालूम हो कि दुर्गा पूजा पंडाल तोड़फोड़ के साथ ही कट्टरपंथियों ने मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचाया था। एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि हालिया हिंसा में लगभग 70 लोग घायल हुए थे।जबकि 130 घरों और मंदिरों पर हमले हुए थे।

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