अमेरिका को दुनियाभर के देशों की रिलीजियस फ्रीडम इंडेक्स निकाल कर देशों को टार्गेट करने की आदत है। ऐसी रिपोर्ट्स निकाल कर अमेरिका, कनाडा, और यूरोपियन देश अपने आप को बड़े दानिश्वर समझते है और अपने को सभी धर्मों की सुरक्षा रक्षक बताने कर आडंबर भी रचते है। इस साल की अमेरिका की ‘रिलीजियस फ्रीडम रिपोर्ट’ में उन्होंने भारत पर हमला किया था। साथ ही भारत के प्रधानमंत्री सहित भारत के बहुसंख्य हिंदू समाज को लक्ष्य किया था। जिसमें हो सके उतना झूठ पेश करते हुए भारतीयों विशेषतः बाहरी देश से भारत में आयी एकेश्वरवाद की संस्कृतियों पर अन्याय की बात की थी। वहीं अमेरिका अपने देश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे टार्गेटेड हमले रोकने में, या हमलावरों को पकड़कर न्याय दिलवाने में असफल रहा है।
वास्तविकता में अमेरिका में हिंदुओं के प्रति इतनी नफरत फैलाई गई है की यहां पिछले 10 दिनों में दूसरी बार BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हुआ है। पहला हमला न्यूयोर्क शहर में हुआ था। जबकी दूसरा हमला कलिफ़ोर्निया में हुआ है। कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो स्थित बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर में उपद्रवियों ने मंदिर में तोड़फोड़ की है। मंदिर में हिंदू विरोधी संदेश लिखे गए हैं। दुनियाभर से हिंदुओं ने इस घटना की निंदा हो रही है।
अमेरिका में हिंदुओं ने भय और चिंता व्यक्त की है क्योंकि अमेरिका में नस्लवादी लोग हिंदू मंदिरों को अक्सर निशाना बनाते है, इनमें मुख्यतः खुद को लिबरल पेश करने वाले, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल डेमोक्रेट्स है। BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर में समाजकंटकों द्वारा लिखे गए संदेशों में “मोदी हिंदू जो बॅक” जैसे नफरती नारे शामिल हैं। न्यूयॉर्क में BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर के अपमान के 10 दिन से भी कम समय के बाद, एक और हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया। इस बीच, बीएपीएस ने कहा है कि हम शांति के लिए प्रार्थना करके नफरत के खिलाफ एकजुट हैं।
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इससे पहले अमेरिका के न्यूयॉर्क के मेलविले इलाके में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में उपद्रवियों ने मंदिर को नुकसान पहुंचाया था। मेलविले में हिंदू मंदिरों के बाहर सड़क के संकेतों और प्रतीकों पर विवादास्पद शब्द स्प्रे-पेंट किए थे। अमेरिकन फाउंडेशन ने न्याय विभाग और होमलैंड सुरक्षा विभाग से जांच की मांग की। ऐसे में न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने ये मामला अमेरिकी प्रशासन के सामने उठाया था। भारतीय दूतावास ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की।
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