नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं के साथ बैठक की,बैठक में राज्य के विशेष दर्जे, परिसीमन में बदलाव, चुनाव और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई,जम्मू कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि पीएम मोदी ने बहुत ही बढ़िया बैठक आयोजित की,इस बैठक में कश्मीर के सभी वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया,पीएम ने कहा कि कश्मीर के सभी लोग मेरे दिल में बसते हैं. कश्मीर के विकास और भलाई के लिए काम करेंगे। वहीं जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री रहे निर्मल सिंह ने कहा कि खुलकर बातें हुई हैं, उन्होंने कहा कि पीएम ने कश्मीर के विकास के लिए आगे बढ़ने की बात कही है, सभी लोगों ने अपनी बात रखी. सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि कश्मीर में आने वाले वक्त में चुनाव हो, लोकतंत्र की बहाली हो. निर्मल सिंह ने कहा कि लगभग सभी राजनीतिक दल इस बात पर सहमत हुए कि जम्मू-कश्मीर में शांति होनी चाहिए और वहां लोकतांत्रिक तरीके से सरकार आनी चाहिए।
कांग्रेस ने रखीं पांच मांगें
वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाब नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने बैठक में कांग्रेस की तरफ से पांच मांगें रखी हैं. गुलाम नबी आजाद ने कहा आज जो मीटिंग हुई. हमने कांग्रेस की तरफ से कई सारी बातें की हैं. राज्य को बंटवारा नहीं होना चाहिए. चुने हुए लोगों से पूछे हुए किया गया।
आजाद ने बताया कि उनकी पहली मांग है कि, राज्य का दर्जा वापस दिया जाए. सदन के अंदर गृह मंत्री और पीएम ने यह आश्वासन दिया था कि हम राज्य का दर्जा बहाल करेंगे एक समय पर . हमने कहा कि समय आ गया है, शांति है सीजफायर भी है।
लोकतंत्र को मजबूत करना है, पंचायत और जिला परिषद के चुनाव किए और अब विधानसभा का चुनाव भी तुरंत हो.
डोमिसाइल रूल थे. जमीन का रूल हमारे महाराजा के समय से था, बाद में नौकरी का भी थी. केंद्र सरकार को ये गारंटी देना चाहिए कि जब वो बिल लाएगी तो नौकरी की गारंटी देनी चाहिए।
कश्मीरी पंडित 30 साल से बाहर है बहुत सारे, जम्मू और कश्मीर में हैं. अधिकतर बाहर हैं, कश्मीर के हरेक राजनीतिक दल और नेता की मौलिक जिम्मेदारी है कि वे कश्मीर के पंडितों को वापस लाए और उनको बसाने में सरकार की मदद करें.आखिरी मांग के तौर पर आजाद ने कहा कि 5 अगस्त स्टेट के दो हिस्से किए गए उसपर भी विचार किया जाए।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लगभग 80% पार्टियों ने अनुच्छेद 370 पर बात की लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन है,हमारी मांगों में शीघ्र पूर्ण राज्य का दर्जा, लोकतंत्र बहाल करने के लिए चुनाव, कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाना और भूमि, रोजगार की गारंटी शामिल है।