भारत और चीन के बीच कुछ दिन पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग में झड़प हुई थी। भारतीय सेना ने भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। इसी के चलते फिलहाल चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव देखा जा रहा है| एक तरफ चीन सीमावर्ती इलाकों में आवाजाही जारी है।
इस पृष्ठभूमि में भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है। सीमावर्ती इलाकों में सड़कों और राजमार्गों पर भारत सरकार का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। वही,सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
Border Roads Organisation is developing all road networks in border areas of western Assam & western AP. Two tunnels – Sela & Nechipu are under construction as vehicular movement becomes difficult due to heavy snowfall in winter: Brig Raman Kumar, Chief Engineer, Project Vartak pic.twitter.com/g85brq5y3H
— ANI (@ANI) December 20, 2022
इस बीच, भारत सरकार ने सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लाई है। भारत के सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। नेचिफू सुरंग अरुणाचल प्रदेश में 5,700 फीट की ऊंचाई पर निर्माणाधीन है।
तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सेला दर्रा सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती क्षेत्रों में नई सड़कों के निर्माण में शामिल है। इसके साथ ही सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती गांवों को अच्छी सड़कों से जोड़ने की योजना बनाई है।
सरकारी बीआरओ वर्तक परियोजना के तहत अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में विकास कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। सरकार जल्द से जल्द इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार करने की योजना बना रही है। सरकार सड़क संपर्क को मजबूत करने की इच्छुक है।
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