भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जिन्होंने लगभग एक साल तक अंतरराष्ट्रीय दल के साथ ऐक्स-4 मिशन पर काम किया, अब अपने लंबे इंतजार के बाद भारत लौट रहे हैं। यह भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण रहा, क्योंकि शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं।
भारत वापसी की उड़ान में सवार होते हुए शुक्ला ने भावुक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, “जब मैं भारत लौटने के लिए विमान में बैठा हूं, तो मेरे दिल में कई भावनाएं एक साथ उमड़ रही हैं। बीते एक साल में जो लोग मेरे परिवार और मित्र बने, उन्हें छोड़कर जाना दुखद है। लेकिन साथ ही अपने परिवार, दोस्तों और देशवासियों से मिलने का उत्साह भी है। शायद जिंदगी यही है, सब कुछ एक साथ।”
शुक्ला का यह मिशन न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि रहा, बल्कि भारत के लिए गर्व का क्षण भी साबित हुआ। इस दौरान उन्होंने अहम वैज्ञानिक प्रयोग किए, अंतरराष्ट्रीय सहयोग से जुड़े कार्यों में भाग लिया और भविष्य की अंतरिक्ष परियोजनाओं को मजबूती दी।
अपने समर्थकों के प्रति आभार जताते हुए शुक्ला ने लिखा, “मिशन के दौरान और उसके बाद सभी से मिला अपार प्यार और समर्थन अविस्मरणीय है। अब मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं कि भारत लौटकर आप सबके साथ अपने अनुभव साझा कर सकूं। विदाई कठिन होती है, लेकिन जीवन में आगे बढ़ते रहना जरूरी है। जैसा कि मेरी कमांडर पैगी व्हिटसन कहती हैं ‘स्पेसफ्लाइट में केवल एक ही स्थिर चीज है, और वह है बदलाव।’ मुझे लगता है कि यह जीवन पर भी उतना ही लागू होता है।”
अपने संदेश का समापन करते हुए शुक्ला ने एक हिंदी गीत की पंक्तियों का जिक्र किया, जिसमें जीवन को एक ऐसी रेलगाड़ी की तरह बताया गया है जो समय के पहियों के साथ लगातार आगे बढ़ती रहती है। उनके ये शब्द न केवल व्यक्तिगत भावनाओं का प्रतिबिंब थे, बल्कि पूरे देश को प्रेरित करने वाले भी रहे।
शुभांशु शुक्ला की वापसी का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। वह पहले लखनऊ जाकर अपने परिवार से मिलेंगे और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करेंगे। इसके बाद अक्टूबर से वह भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए प्रशिक्षण फिर से शुरू करेंगे।
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