भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर, 23 हजार करोड़ रुपये के पार!

वर्तमान में 65 प्रतिशत से अधिक रक्षा उपकरण देश में ही निर्मित किए जा रहे हैं, जो पहले 65-70 प्रतिशत आयात पर निर्भरता की तुलना में एक क्रांतिकारी बदलाव है।

भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर, 23 हजार करोड़ रुपये के पार!

India's defense exports at record level, crossing Rs 23 thousand crore!

भारत ने रक्षा निर्यात के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2025 में देश का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 23,622 करोड़ रुपये (करीब 2.76 अरब डॉलर) तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। पिछले वित्त वर्ष (2024) में यह आंकड़ा 21,083 करोड़ रुपये था, यानी इस साल 12.04 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस वृद्धि में डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (DPSU) और निजी क्षेत्र दोनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वित्त वर्ष 2025 में निजी क्षेत्र का रक्षा निर्यात 15,233 करोड़ रुपये और डीपीएसयू का 8,389 करोड़ रुपये रहा। DPSU ने अपने निर्यात में 42.85 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जो भारतीय रक्षा उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है।”

एक समय पर बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर भारत अब अपने स्वदेशी रक्षा उत्पादों को लगभग 80 देशों में निर्यात कर रहा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में हथियार, गोला-बारूद, सब-सिस्टम, कंपोनेंट्स और संपूर्ण रक्षा प्रणाली का निर्यात कई देशों को किया गया।

रक्षा मंत्रालय ने निर्यात प्रक्रिया को सरल और तेज करने के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल भी स्थापित किया है। वित्त वर्ष 2024-25 में 1,762 निर्यात लाइसेंस जारी किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 16.92 प्रतिशत अधिक है। वहीं, रक्षा क्षेत्र में निर्यातकों की कुल संख्या में 17.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

भारत अब एक ग्लोबल डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। सरकार का लक्ष्य 2029 तक रक्षा उत्पादन को 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। वर्तमान में 65 प्रतिशत से अधिक रक्षा उपकरण देश में ही निर्मित किए जा रहे हैं, जो पहले 65-70 प्रतिशत आयात पर निर्भरता की तुलना में एक क्रांतिकारी बदलाव है।

रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत में 16 डीपीएसयू, 430 से अधिक लाइसेंस प्राप्त कंपनियां और करीब 16,000 एमएसएमई सक्रिय हैं, जो स्वदेशी रक्षा उद्योग को मजबूती दे रहे हैं। सरकार की नीतियों और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारत को रक्षा उत्पादों के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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