भारत का स्मार्टफोन निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) में 54% बढ़कर 1.75 लाख करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) के आंकड़े को पार कर गया है। यह वृद्धि सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना और देश में बढ़ते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सफलता को दर्शाती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले अनुमान लगाया था कि यह आंकड़ा 20 अरब डॉलर तक पहुंचेगा, लेकिन लेटेस्ट इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, यह लक्ष्य पहले ही पार हो चुका है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के अनुसार, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में स्मार्टफोन सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन चुका है।
भारत में एप्पल और सैमसंग जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात में बड़ा निवेश किया है। तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन प्लांट और कर्नाटक के टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट से सबसे अधिक स्मार्टफोन निर्यात हुआ है। वहीं, सैमसंग भी भारत के कुल स्मार्टफोन निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सरकार की PLI योजना ने निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ आयात को कम करने में भी मदद की है। 2014-15 में जहां भारत में बिकने वाले 74% मोबाइल फोन आयात किए जाते थे, अब 99.2% मोबाइल फोन देश में ही बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, पिछले 10 वर्षों में भारत का मोबाइल फोन उत्पादन पांच गुना बढ़ा है।
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने और निर्यात को और आगे बढ़ाने के लिए कई नई नीतियां लागू की हैं। अनुमान है कि आने वाले वर्षों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन उद्योग और अधिक तेजी से बढ़ेगा, जिससे देश को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने में मदद मिलेगी।
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