भारत के मोस्ट वांटेड आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया| पाकिस्तानी पत्रकार आरजू कासमी ने जानकारी दी है कि दाऊद की तबीयत गंभीर है, लेकिन दाऊद की सेहत से जुड़ी कोई भी खबर बाहर न जाए इसके लिए पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है| मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में गूगल सर्विस, ट्विटर समेत पूरा सोशल मीडिया डाउन है। इसका संबंध दाऊद की सेहत से है|
दाऊद पिछले कई सालों से भारतीय जांच एजेंसियों के रडार पर है। ऐसा माना जाता है कि वह लंबे समय से पाकिस्तान में छिपा हुआ है और अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। पाकिस्तान ने दाऊद के अपनी धरती पर होने की खबरों का खंडन किया है, जबकि भारत ने उसके खिलाफ सैकड़ों सबूत मुहैया कराए हैं और बार-बार दावों का खंडन किया है। दाऊद इब्राहिम के गुनाहों की फेहरिस्त काफी लंबी है| आइए जानते हैं उसने भारत में कौन-कौन से अपराध किए हैं|
आतंकवाद और बमबारी: 1993 के बम विस्फोटों में अपनी भूमिका के लिए दाऊद हमेशा भारतीय जांच एजेंसियों के रडार पर था। 1993 में, मुंबई के विभिन्न स्थानों पर दाऊद इब्राहिम द्वारा रचित बम विस्फोटों में कम से कम 250 लोग मारे गए थे। पिछले साल ही भारत की जांच एजेंसी ने पांच लोगों पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए आरोप पत्र दायर किया था| इस मामले में वैश्विक आतंकी नेटवर्क चलाने और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के मुद्दे का समर्थन किया गया था| आतंकी गतिविधियों की बात करें तो दाऊद के अलकायदा और लश्कर से संबंधों पर भी चर्चा हुई|
पैसे ऐंठने के लिए खोले कई राज: एक पुलिसकर्मी का बेटा दाऊद इब्राहिम कासकर शुरू से ही गलत संगत में पड़ गया। उसने चोरी, डकैती और तस्करी से शुरुआत की, लेकिन कुछ समय बाद वह तत्कालीन कुख्यात डॉन करीम लाला गैंग के संपर्क में आ गया| फिर क्या, पैसे के लालची दाऊद ने सट्टेबाजी, फिल्म फाइनेंसिंग और अन्य अवैध व्यवसायों में हाथ आजमाना शुरू कर दिया। दाऊद ने बॉलीवुड सेलिब्रिटीज और प्रोड्यूसर्स से रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि उसने जबरन वसूली से प्राप्त आय को रियल एस्टेट में निवेश किया था। सारे हवाला कारोबार में उसका हाथ था, जहां अवैध तरीके से पैसा देश से बाहर भेजा जा रहा था|
टारगेट किलिंग: दाऊद के भाई साबिर इब्राहिम कास्कर की 1981 में हत्या कर दी गई थी। चार लोगों ने साबिर को पांच गोलियां मारीं। अपने भाई की हत्या से बौखलाए दाऊद ने फिर गोलीबारी जारी रखी| हालांकि उन्होंने 1986 में देश छोड़ दिया, लेकिन उनके गुर्गे मुंबई में हर जगह बने रहे। बताया जाता है कि उसने डी कंपनी के एक गैंग के जरिए टारगेट किलिंग शुरू की थी। दाऊद ने पठान जनजाति के उन सभी सदस्यों को मारने का आदेश दिया था, जिन्होंने उसके भाई को मार डाला था। फिर एक-एक कर हत्याएं शुरू हो गईं| उसके बाद मुंबई पर इन गैंगस्टर्स की पकड़ कमजोर करने में मुंबई पुलिस को दो दशक लग गए| कुल 900 मुठभेड़ों के बाद ही स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ।
मादक पदार्थों की तस्करी: दाऊद इब्राहिम अफ़ीम और मादक पदार्थों की तस्करी में भी शामिल था। दाऊद पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर दुनिया के अलग-अलग कोनों में ड्रग्स की तस्करी करता था। वह ड्रग्स से कमाए गए पैसे से अपनी महंगी, भव्य जीवनशैली जीता रहा और पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को भी पैसा मुहैया कराता रहा। ड्रग तस्करी का ज्यादातर कारोबार दाऊद करता था। इससे दाऊद ने अपनी ताकत मजबूत की|
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