आईआरजीसी के एयरोस्पेस बलों से संबंधित ये मिसाइलें और लॉन्चर, आईआरआईबी द्वारा प्रसारित एक वीडियो रिपोर्ट में दिखाए गए, जिसमें आईआरजीसी के दो मिसाइल ठिकानों को दिखाया गया है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने जो बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार की है, इनके नाम इमाद और कद्र हैं। कद्र को इलेक्ट्रॉनिक युद्ध रोधी उपकरणों से लैस किया गया है।
रिपोर्ट में आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स के एक वरिष्ठ कमांडर के हवाले से कहा गया है कि फोर्स की मिसाइल शक्ति हर घंटे बढ़ रही है और फोर्स को सौंपी गई नई उन्नत मिसाइलें लॉन्चरों पर लगी हैं, जो आदेश मिलते ही दागने के लिए तैयार हैं। इनके इस बयान के बाद इजरायल और ईरान के बीच फिर से तनाव बढ़ने की आशंका है।
13 जून को, इजराइल ने तेहरान समेत ईरान के कई इलाकों (जिनमें परमाणु और सैन्य स्थल शामिल हैं) पर अचानक बड़े हवाई हमले किए, जिसमें कई वरिष्ठ कमांडर, परमाणु वैज्ञानिक और नागरिक मारे गए थे।
आईआरजीसी ने पुष्टि की थी कि तेहरान में हुए हवाई हमले में उसके खुफिया संगठन के प्रमुख मोहम्मद काजमी और उनके डिप्टी हसन मोहाघेग मारे गए थे।
इन हवाई हमलों में ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, आईआरजीसी के चीफ कमांडर हुसैन सलामी, ईरान के खतम अल-अनबिया केंद्रीय मुख्यालय के कमांडर गुलाम अली राशिद और आईआरजीसी के एयरोस्पेस डिवीजन के कमांडर अमीर अली हाजीजादेह ने जान से हाथ धो दिए थे।
इसके अलावा, आईआरजीसी ने अन्य मारे गए कमांडरों की सूची में महमूद बाघेरी, दावूद शेखियन, मोहम्मद-बाघेर ताहिरपुर, मंसूर सफ़रपुर, मसूद तैयब, खोसरो हसनी, जावद जोरसारा और मोहम्मद अघाजाफरी भी शामिल हैं। हमले के जवाब में ईरान ने कई मिसाइलें दागी थीं और ड्रोन से भी हमलों को अंजाम दिया गया था। 24 जून को दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम हुआ।
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