हिजाब विरोधियों के आगे झुकी ईरानी सरकार, कानून में करेगी बदलाव 

इस कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके है

हिजाब विरोधियों के आगे झुकी ईरानी सरकार, कानून में करेगी बदलाव 

आखिरकार ईरानी सरकार ने हिजाब विरोधियों के खिलाफ घुटने टेक ही दिए। अब तक इस आंदोलन में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके है और कई हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। रिपोर्ट के अनुसार,कहा जा रहा है कि चालीस साल इस पुराने कानून में ईरानी सरकार बदलाव करने के लिए राजी हो गई है। हालांकि,अभी यह तय नहीं हो पाया है कि  क्या बदलाव किया जाएगा। गौरतलब है कि, ईरान में हिजाब पर सख्त कानून लागू है। यहां हिजाब नहीं पहनने वाली महिलाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।

बता दें कि सितंबर माह में 22 साल की महसा अमिनी के सिर से हिजाब खिसक जाने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई थी। उसके साथ ईरान की एक स्पेशल पुलिस ने उसके साथ मारपीट की थीजिसकी वजह से उसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। जिसके बाद से, ईरान में व्यापक पैमाने पर महिलाओं द्वारा हिजाब के विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। ईरान के अलावा अन्य देशों में इस आंदोलन को समर्थन देते हुए महिलाओं ने प्रदर्शन किया। आंदोलन के दौरान ईरानी महिलाओं ने हिजाब जलाये और अपने बाल काटते हुए वीडियो बनाकर कर सोशल मीडिया पर वायरल किया। बावजूद इसके सरका  हिजाब विरोधियों के आगे झुकने को तैयार नहीं थी।

कुछ दिन पहले ही फीफा वर्ल्ड कप में अमेरिका टीम के हाथों ईरान टीम की करारी हार होने पर यहां के लोगों ने सड़क पर उतर कर जश्न मनाया था। कई स्थानों आतिशबाजी की गई थी। बता दें कि ईरान में शरिया पर आधारित हिजाब कानून लागू है। वहीं ईरान में चल रहे आंदोलन को यहां की सरकार ने अमेरिका और ब्रिटेन की साजिश करार दिया है। सरकार के रवैये के बारे में बताते हुए ईरान के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंताजोरी ने बताया कि सरकार और न्यायपालिका दोनों मिलकर इस समस्या का हल निकालने के लिए काम कर रही हैं।

हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि की कानून में क्या बदलाव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक या दो सप्ताह में पता चल जाएगा। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि संविधान को लागू करने के कुछ तरीके हैं। जिससे की इसमें कुछ लचीलापन रहे है। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार अब तक लगभग 400 से ज्यादा लोगों की हिजाब आंदोलन में जान जा चुकी है। वहीं यूएन राइट्स चीफ ने बताया कि बच्चों महिलाओं को मिलकर अब तक 14 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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