क्या 400 रेलवे स्टेशनों व 90 ट्रेनों को मोदी सरकार बेच रही है, जाने सच

क्या 400 रेलवे स्टेशनों व 90 ट्रेनों को मोदी सरकार बेच रही है, जाने सच
नई दिल्ली। सोशल मीडिया में सोमवार से चर्चा है कि मोदी सरकार 400 रेलवे स्टेशन और 90 टेनों को 1.60 लाख करोड़ में बेच रही है। इस बात कितनी सच्चाई है यह जानना बहुत जरूरी है। दरअसल ,केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 6 लाख करोड़ के नेशननल पाइपलाइन प्लान की घोषणा की। इस राष्ट्रीय मौद्रियकरण योजना के अनुसार सरकार अगले चार सालों में अपनी सार्वजनिक सम्पत्तियों की हिस्सेदारी निजी हाथों में बेचेगी। बता दें कि इसे सरकारी भाषा में डिसइनवेस्टमेंट कहते है। जबकि आमबोलचाल की भाषा में लोग इसे निजीकरण कहते हैं।
अनुपयुक्त सम्पत्तियों को किया जाएगा विकसित: इस दौरान वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि केवल ब्राउनफील्ड अवसंरचना संपत्तियों में निजी क्षेत्र का निवेश होगा। ब्राउनफील्ड संपत्तियों से आशय ऐसी अवसंरचनाओं से है, जो फिलहाल उपयोग में नहीं हैं और उन्हें विकसित किया जाना है। योजना के तहत सबसे ​बड़ा हिस्सा सड़क का है। इससे सरकार 1.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने का लक्ष्य रखी है। जबकि रेलवे दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है अब इसे भी राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना में शामिल किया गया है। रेलवे सेक्टर में मौद्रीकरण के लिए सरकार ने कुल 400 रेलवे स्टेशनों, 90 यात्री ट्रेनों, रेलवे के कई खेल स्टेडियम और कॉलोनियों के साथ ही प्रसिद्ध कोंकण और पहाड़ी रेलवे की पहचान की है। वित्त वर्ष 2025 तक यानी अगले 4 वर्षों में रेलवे की ब्राउनफील्ड अवसंरचना संपत्तियों का मौद्रीकरण कर करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये हासिल किए जाएंगे।
इसे विनिवेश या डिसइन्वेस्टमेंट कहते हैं: इस दिशा में बजट में एक राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना तैयार करने का भी प्रावधान कियाढांचागत क्षेत्र के मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श कर नीति आयोग ने एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की थी।  सरकारी कंपनियों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया विनिवेश या डिसइन्वेस्टमेंट कहलाती है। सरकार की बड़ी हिस्सेदारी वाली कंपनियों को सावर्जनिक उपक्रम या पीएसयू कहा जाता है। सरकार के लिए विनिवेश, पैसे जुटाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है।
रेलवे से  21,642 करोड़ जुटाने की तैयारी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जारी की गई 6 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (एनएमपी) में रेलवे की संपत्ति का 26 प्रतिशत योगदान होगा। वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान मौद्रीकरण के लिए चिह्नित की गई प्रमुख रेल संपत्तियों में 400 रेलवे स्टेशन, 90 यात्री रेलगाड़ियां, 1400 किलोमीटर लंबी रेल की पटरी, कोंकण रेलवे का 741 किलोमीटर लंबा हिस्सा, 15 रेलवे स्टेडियम और चयनित रेलवे कॉलोनियां और चार पहाड़ी रेल शामिल हैं। चार साल की अवधि में रेलवे स्टेशनों और यात्री रेलों के परिचालन को निजी हाथों में देने से क्रमश: 76,250 करोड़ रुपये और 21,642 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी।
कोंकण रेलवे से 7,281 करोड़: माल परिवहन के लिए समर्पित फ्रेट कॉरिडॉर के मौद्रीकरण से 20,178 करोड़ रुपये, वहीं पटरी, सिगनल और पटरियों के ऊपर लगने वाले उपकरणों संबंधी इनविट से 18,700 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। कोंकण रेलवे से 7,281 करोड़ और पहाड़ों पर चलने वाली रेलवे के मौद्रीकरण से 630 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। केंद्रीय बजट 2021-22 में बुनियादी ढांचे के टिकाऊ वित्तपोषण को एक प्रमुख साधन के रूप में परिचालनगत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की संपत्तियों के मौद्रिकरण की पहचान की गई थी।
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