क्या है गगनयान मिशन?: गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसके तहत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit) में 400 किलोमीटर ऊपर भेजा जाएगा। मिशन का उद्देश्य भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की कतार में लाना है जिन्होंने मानव अंतरिक्ष उड़ान में महारत हासिल की है।
हॉट टेस्ट क्या होता है?: “हॉट टेस्ट” का मतलब होता है कि इंजन को पूरी क्षमता से चलाकर उसकी कार्यक्षमता और विश्वसनीयता की जांच की जाती है। इसरो ने इस बार CE-20 क्रायोजेनिक इंजन का हॉट टेस्ट किया, जो गगनयान मिशन के लिए बनाए गए एलवीएम3 (GSLV Mk III) रॉकेट का ऊपरी चरण (upper stage) है।
CE-20 इंजन का हॉट टेस्ट 720 सेकंड (12 मिनट) तक चला। यह इंजन पूरी शक्ति पर सफलतापूर्वक चला और इस दौरान उसके सभी मापदंड सामान्य रहे। यह इंजन 20 टन तक का थ्रस्ट उत्पन्न कर सकता है।
क्यों है यह परीक्षण महत्वपूर्ण?: मानव मिशन में सुरक्षा सर्वोपरि होती है। ऐसे में इंजन की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। यह परीक्षण मिशन के उड़ान मॉडल इंजन का था, यानी यह वही इंजन है जो भविष्य में असली मानव उड़ान में प्रयोग होगा। सफल हॉट टेस्ट यह दर्शाता है कि इंजन उड़ान के लिए तैयार है और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
इससे पहले क्या-क्या हुआ?: अक्टूबर 2023 में इसरो ने गगनयान से संबंधित TV-D1 मिशन (परीक्षण वाहन उड़ान) का सफल प्रक्षेपण किया था। 2024 में TV-D2 और TV-D3 की योजनाएं बनीं जिनका उद्देश्य प्रणाली का और परीक्षण करना था। मानव-रहित मिशन गगनयान-1 के लिए 2025 में प्रक्षेपण की योजना है।
अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण: चार भारतीय वायुसेना के पायलटों को गगनयान मिशन के लिए चुना गया है। इनका प्रशिक्षण रूस के सहयोग से हुआ है और भारत में भी प्रशिक्षण चरण चल रहा है। जीवन रक्षक प्रणाली (life-support system), कक्षा में संचालन और आपातकालीन स्थितियों से निपटना इनके प्रशिक्षण का हिस्सा है।
गगनयान मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो न केवल अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर भी है।
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