जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति का चुनाव जीत गए। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया। जगदीप धनखड़ की धाखड़ जीत ने एक बार फिर साबित किया कि एनडीए का कुनबा हर तरह से विपक्ष को मात देने के लिए तैयार है। वहीं ,विपक्ष विखरा हुआ नजर आया। विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव से भी कोई सबक नहीं लिया। हालांकि पहले से यह तय था कि एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ जीतेंगे,लेकिन विपक्ष की उम्मीदवार इतनी बुरी तरह से हारेंगी इसका अंदाजा नहीं था।
विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार रही मार्गरेट अल्वा को मान्य वोट केवल 26 प्रतिशत ही मिले। इसका मतलब है कि उन्हें 182 ही मत ही विपक्ष की ओर से पड़े। जबकि एनडीए की उम्मीदवार धनखड़ 74 प्रतिशत वोट मिले। गौरतलब कि विपक्ष पहले से ही बिखरा हुआ था। ममता बनर्जी पहले ही ऐलान कर दिया था कि वे किसी भी उम्मीदवार के पक्ष के साथ नहीं जाएगी।
जिसके बाद विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा ने ममता को मनाने की कोशिश भी की। लेकिन नतीजा कुछ निकला। मार्गरेट अल्वा अब अपनी हार पर भड़क गई हैं। उनका कहना था कि विपक्ष के दलों ने भी एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को डायरेक्ट या इनडायरेक्ट समर्थन किया है। इससे पहले उन्होंने नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को जीत की बधाई दी। जगदीप धनखड़ को अकाली दल ने भी बिना मांगे समर्थन दिया था।
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