फ्रांसीसी पत्रिका ‘ले स्पेक्टेकल डू मोंडे’ की एक विस्तृत खोजी रिपोर्ट में पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बीच चिंताजनक संबंधों का खुलासा हुआ है। फ्रांसीसी पत्रिका के शीतकालीन 2024 संस्करण में प्रकाशित ‘जैश-ए-मोहम्मद, पाकिस्तान में परेशानी का खेल’ शीर्षक वाला लेख प्रधान संपादक एंटोनी कोलोना द्वारा लिखा गया था। इससे यह उजागर हुआ है कि आतंकवाद से लड़ने की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के बावजूद पाकिस्तान चरमपंथी समूहों को पनाह देने और समर्थन देने में अपनी भूमिका निभा रहा है।
रिपोर्ट में जैश-ए-मोहम्मद के पुनरुत्थान पर प्रकाश डाला गया है। खासकर पंजाब प्रांत के बहावलपुर इलाके में जहां यह समूह ‘मरकज सुभान अल्लाह’ जैसे बड़े कॉम्प्लेक्स चलाता है। छात्रावासों, धार्मिक शिक्षा केंद्रों और यहां तक कि सौर ऊर्जा चालित आत्मनिर्भर प्रणालियों से सुसज्जित ये सुविधाएं आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करती हैं।
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पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, उपग्रह चित्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से पता चलता है कि यह सब खुलेआम किया जाता है। इनमें से एक परिसर पाकिस्तानी सैन्य अड्डे से मात्र आठ किलोमीटर दूर है। प्लैनेट लैब्स की वेबसाइट पर उपलब्ध सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार बहावलपुर इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के दो केंद्र हैं। ‘मरकज़ सुभान अल्लाह’ और ‘उस्मान-ओ-अली मस्जिद’। पहला परिसर 60,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें कुरान अध्ययन केंद्र, खेल हॉल, छात्रावास और लगभग पचास कमरे शामिल हैं। मसूद अज़हर का भतीजा मुहम्मद अताउल्लाह काशिफ मरकज़ का प्रशासनिक प्रमुख है। यह केंद्र लगभग 600 से 700 सदस्यों को चरमपंथी धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इनमें 40 से 50 शिक्षक भी शामिल हैं।